जब सीमांत क्षेत्र सशक्त और आत्मनिर्भर होंगे, तभी सीमाएँ होंगी सुरक्षित: राज्यपाल

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय के सामरिक विचार मंच और देश के सबसे प्रतिष्ठित रक्षा संस्थानों में से एक यूएसआई, द्वारा आयोजित किया गया।
राज्यपाल ने भारत की सामरिक दृष्टि में उत्तराखण्डरू विकास और सुरक्षा के मार्ग विशेष पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हिमालयी सीमांत क्षेत्रों का विकास केवल सामाजिक या आर्थिक आवश्यकता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। राज्यपाल ने कहा कि “सीमांत गाँव में सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र या अन्य मूलभूत सुविधाएं केवल कल्याणकारी कार्य नहीं, बल्कि यह देश की सामरिक सुरक्षा को मजबूत करने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि सीमांत विकास अपने आप में रणनीतिक निवारण है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य की भौगोलिक स्थिति देश की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों के संरक्षण में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विकास और सुरक्षा को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता। जब सीमांत क्षेत्र सशक्त और आत्मनिर्भर होंगे, तभी सीमाएँ सुरक्षित होंगी।