हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया द्वारी गांव में समेश्वर देवता अषाढ मेला

हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया द्वारी गांव में समेश्वर देवता अषाढ मेला

DESK THE CITY NEWS

उत्तरकाशी।   टकनौर क्षेत्र में आषाढ़ को मनाए जाने वाला राजा रघुनाथ का मेला बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान सैकड़ो लोगों ने सोमेश्वर देवता का डागुरिया आषण सुप्रसिद्ध कंडार देवता के मंदिर ग्राम द्वारी में सैकड़ो की संख्या में आए लोगों ने पौराणिक रास नृत्य लगाकर मेले का आनंद लिया।
पौराणिक मान्यता के अनुसार अषाढ़ का मेला क्षेत्र में बरसात तथा पहाड़ जैसे विकट भू-भाग क्षेत्र में गांव की खुशहाली के लिए भगवान् समेश्वर देवता को प्रसन्न किया जाता है। मेले में बुग्यालों से लाई जाने वाली जयांण के फूल लोगों को दिया जाता है, लोग रासू नृत्य के साथ देव डोली को नचाते हैं उसके पश्चात कफवा लगाकर समेश्वर देवता अपना डांगुरिया आषण लगाते है जिसमें देवता लोगों की सुख-दुख की बात बताकर उन्हे यश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। द्वारी गांव में कंडार देवता की मान्यता विषेश मानी जाती है लोग अपना न्योता ( मन की बात) कंडार देवता से पुछते है फिर देवता लोगों का न्योता बताकर आशीर्वाद देता है, कंडार देवता के साथ समेश्वर देवता की शक्ति और प्रगाढ़ डांगुरिया आषण के समय देखी जा सकती है, जब दोनों देवता आपस में अपनी बातचीत करते हैं, यह दृश्य भारी मनमोहक होता है, फिर गांव की ध्याणियां देवता को चढ़ावा भेंट कर अपने परिवार की खुशहाली हेतु कामना करती हैं। गांव के मालगुजार ममराज ने बताया कि हमने इस मेले को पिछले कई सालों से भव्य रूप देने का प्रयास किया है जो आगे जाकर पर्यटन से जोड़ा जायेगा।

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