योग भारत की सॉफ्ट पावर का एक सशक्त उदाहरण और उत्तराखंड है भारत के योग, चेतना और विरासत का केंद्र: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में किया 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ

DESK THE CITY NEWS

देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ करते हुए एक ओर जहां योग को भारत की सॉफ्ट पावर का सशक्त उदाहरण बताया, वहीं उत्तराखंड को भारत के योग, चेतना और विरासत का केंद्र बताया।

शनिवार को पुलिस लाइन में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने योगाभ्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि योग एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से, एक समुदाय को दूसरे समुदाय से तथा एक देश को दूसरे देश से जोड़ने का काम करता है। दुनिया भर के लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति स्वस्थ रहता है, तो परिवार स्वस्थ रहता है और जब परिवार स्वस्थ रहता है तो देश स्वस्थ रहता है। उन्होंने सभी को योग को जीवन जीने का माध्यम बनाने की प्रेरणा दी तथा सभी संस्थाओं से अपील की कि योग को जनसुलभ बनाया जाए।

 

योग है भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा: राज्यपाल

राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने योग के महत्व पर प्रकाश डाला। राज्यपाल ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है जिसने संपूर्ण विश्व को जोड़ने का कार्य किया है। प्रसन्नता की बात है कि आज यह दिवस न केवल भारत के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए स्वास्थ्य, शांति और समरसता का प्रतीक बन चुका है। राज्यपाल ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने की प्रक्रिया है। यह आत्मानुशासन, संयम, और मानसिक शांति का मार्ग है।

 

कैबिनेट मंत्री ने योग नीति की बताई विशेषताएं व लक्ष्य

इस अवसर पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से उत्तराखंड द्वारा तैयार की गई भारत की पहली ’योग नीति-2025’ की विशेषताएं और लक्ष्य बताए। कहा कि यह नीति भारत का पहला योग उद्यमिता और अनुसंधान हब बनाएगी। इसमें योग और ध्यान केंद्रों की स्थापना हेतु अधिकतम 20 लाख रुपए तक का पूंजीगत अनुदान है। योग अनुसंधान कार्यों हेतु 10 लाख रुपए तक का शोध अनुदान। मौजूद संस्थानों में योग को बढ़ावा देने के लिए योग अनुसंधान एवं पारिश्रमिक प्रतिपूर्ति की व्यवस्था। योग शिक्षकों के प्रमाणन हेतु योग सर्टिफिकेशन बोर्ड के माध्यम से प्राप्त प्रमाणन को प्राथमिकता तथा योग निदेशालय की स्थापना को भी इसकी कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया है।

 

वर्ष 2030 तक होगी पांच नए योग हब्स की स्थापना

कैबिनेट मंत्री ने ’उत्तराखंड की योग नीति 2025 के लक्ष्य’ बताते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक उत्तराखंड में कम-से-कम पांच नए ’योग हब्स’ की स्थापना। मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर्स में योग सेवाओं की उपलब्धता। समुदाय आधारित माइंडफूलनेस कार्यक्रम की शुरुआत जो विभिन्न आयु, लिंग और वर्ग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकसित किए जाएंगे। योग संस्थाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफार्म विकसित किया जाएगा तथा मार्च 2028 तक 15 से 20 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ साझेदारी विकसित करने का भी इसमें लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह योग्य नीति राज्य के पारंपरिक ज्ञान, आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक धरोहर को समसामयिक अवसरों से जोड़ने का माध्यम बनेगी।

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