मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में प्रस्तावित जी-20 बैठक की तैयारियों का लिया जायजा।
समिट के आयोजन की व्यवस्थाओं में तेजी लाने के दिये निर्देश।
मई एवं जून के अन्तिम सप्ताह में उत्तराखण्ड में प्रस्तावित है, जी-20 की बैठक।
आगामी 25 से 28 मई एवं 26 से 28 जून 2023 में उत्तराखण्ड में प्रस्तावित जी-20 की बैठकों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं में तेजी लाई जाए। उत्तराखण्ड में होने वाली जी-20 की बैठकों के जिस विभाग को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, संबंधित विभागीय सचिव उसकी नियमित समीक्षा करें। उत्तराखण्ड में होने वाली जी-20 की बैठकों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री प्रत्येक 15 दिन में स्वयं समीक्षा करेंगे। यह बात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जी-20 समिट की तैयारियों की बैठक के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा इस आयोजन से उत्तराखण्ड को वैश्विक पटल पर नई पहचान मिलेगी। जी-20 देशों के प्रतिनिधि ऋषिकेश में गंगा आरती में भी प्रतिभाग करेंगे। इससे मां गंगा के धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व से भी सम्मेलन के प्रतिभागी परिचित हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में मई एवं जून में होने वाली जी-20 की दोनों बैठकों में जी-20 एवं आमंत्रित देशों के जो प्रतिनिधि शामिल होंगे। उनके सामने जो भी प्रस्तुतीकरण दिया जाना है, उसकी समय पर पूरी तैयारियां कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का यह हमारे पास एक अच्छा अवसर है। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि जिन उत्पादों को हम व्यापक स्तर पर वैश्विक पहचान दिला सकते हैं, उनकी विशिष्टता की पहचान कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जी-20 की जो दो बैठकें आयोजित होंगी, इसमें प्रयास किये जायेंगे कि एक बैठक गढ़वाल मण्डल एवं एक बैठक कुमांऊ मण्डल में हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में होने वाली जी-20 संबंध में जन जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, सूचना विभाग एवं पुलिस द्वारा व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। जनपदों में बहुद्ेशीय शिविरों के माध्यम से भी लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जी-20 की बैठकों में आयोजन स्थल पर उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉल लगाये जाएं। उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। आयोजन स्थल पर योग एवं पंचकर्म की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग की धरती है, योग एवं आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए जो कार्य किये जा रहे हैं, समिट में इसका प्रस्तुतीकरण भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठकों में अनेक देशों से प्रतिनिधि आयेंगे, इसके लिए विदेशी भाषाओं के जानकारों की भी सेवाएं ली जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले जी-20 की बैठक के बेहतर आयोजन के लिए राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के सुझाव भी लिए जायेंगे।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, अपर पुलिस महानिदेशक श्री वी. मुरूगेशन, श्री ए.पी अंशुमन,सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुदंरम, अरविन्द सिंह ह्ंयाकी, श्री सचिन कुर्वे, श्री बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री विनोद कुमार सुमन, सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी टिहरी डॉ. सौरभ गहरवार वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर श्री सुशील कुमार, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, जिलाधिकारी पौड़ी श्री आशीष चौहान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।