सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शनिवार को राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना मुख्यालय राजपुर रोड देहरादून में कॉपरेटिव विभाग और नाबार्ड के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली।
जिसमें उन्होंने कहा कि, बैंकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनाएंगे। इसके लिए महाप्रबंधको से सुझाव मांगे गए हैं।
सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने निर्देश दिए कि, टिहरी, पौड़ी उत्तरकाशी , अल्मोड़ा जिलों में फसली ऋण बढ़ाया जाए। ज्यादा से ज्यादा किसानों को फसली ऋण दिया जाये। सहकारी बैंकों के जीएम भी फसली ऋण दें।
किसानों को बीज, खाद, उर्वरक कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि खरीदने के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से अल्पकालीन व दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सहकारी बैंक व एम पैक्स से दिए जाने वाले फसली ऋण वर्ष भर में दो बार दिया जाता है। यह ऋण समय पर चुकाने पर ब्याज नहीं देना होता। फसली ऋण देने में गति लाने के लिए अफसरों को निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि , पौड़ी गढ़वाल ,हरिद्वार सहित अन्य जिलों में बैंकों की एटीएम वैन को खड़ी न रख कर इसको ज्यादा से ज्यादा चलाये। ताकि ग्राहकों को सुविधा मिल सकें। एटीएम की वैन की लोग बुक की एंट्री कर निबंधक कार्यालय में भेजी जाए। किसी बैंक को और एटीएम वैन चाहिए, तो नाबार्ड से ले सकते हैं।
डॉ रावत ने कहा कि, जिलों डीसीबी वित्तीय साक्षरता कैम्प 602 हो गए हैं। 31 मार्च तक 1400 कैम्प किये जायें।
उन्होंने समितियों और बैंक की ऋण रिकवरी में तेजी लाने के निर्देश दिए। तथा सभी जनपदों के बैंकों के महाप्रबंधक और जिला सहायक निबंधक से 1- 1 जनपद की रिकवरी के बारे में जानकारी ली।
सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरषोत्तम ने कहा, सभी जीएम , एआर को निर्देश दिए कि, हर एम पैक्स में सीएसी और जन औषधि केंद्र होने अनिवार्य है।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक वीके बिष्ट ने कहा कि सभी को – ऑपरेटिव बैंक जिलों में 3- 3 विशेषज्ञ निदेशकों की नियुक्तियां कर ले । 14 मार्च को होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की बैठक में इस मामले को रखा जाएगा । मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने सहकारिता के अधिकारियों से यह भी कहा कि सहकारिता की इन्फ्राट्रक्चर बनाने में नाबार्ड मदद कर सकता है।
इस मौके पर कोऑपरेटिव विभाग के उच्च अधिकारी देहरादून जनपद के जीएम, एआर तथा अन्य जनपदों के अधिकारी ऑनलाइन मीटिंग से जुड़े।