हरिद्वार। निवेदन यह है कि हमारे देश हिंदुस्तान में अंग्रेजों ने काफी समय तक अपना राजपाट किया और इनके द्वारा बनाए गए कानून जो कि आज भी हमारे हिंदुस्तान में लागू है और अत्यंत ताज्जुब की बात यह है कि उनके द्वारा बनाए गए कानून में आज भी अर्थदंड सन 1919 और 1945 में जो उनके द्वारा आदेश पारित किया गया था वही लागू चला आ रहा है उक्त कानून में संशोधन अति आवश्यक है अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में मां गंगा हर की पौड़ी में कनखल के दक्ष गांठ पर जूते अथवा पिंटू अथवा लकड़ी की खड़ाऊ पहने की आज्ञा नहीं दी थी इसके अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को मृत शरीर की राख कनखल में सती घाट के अतिरिक्त गंगा किनारे किसी भी घाट अथवा स्थान पर फेंकने की आज्ञा नहीं दी थी इसके साथ ही काम पर आने वाले अधिकारियों के सिवाय सम भूमि खंड, दीपा कर प्लेटफार्म और हर की पौड़ी के क्षेत्र और उषा वर्षगांठ में हिंदुओं को जाने की आज्ञा नहीं थी हर की पौड़ी प्लेटफार्म पर साइकिल पर चढ़ना अथवा किसी पहिए वाली वस्तु को ले जाना वर्जित है चेयरमैन की लिखित आज्ञा के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को हर की पौड़ी कुंड के फोटो लेने की आज्ञा नहीं तख्तो अथवा चटाई यों के लिए स्वीकृति देने के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को सम भूमि खंड पर तख्त, बेंच, चारपाई, चटाई अथवा अंगूठी रखने अथवा अन्य कोई ऐसा कार्य जिससे यात्रियों को रुकावट वह असुविधा हो अर्थात सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भय का कारण हो करने की आज्ञा नहीं थी और हर की पौड़ी प्लेटफार्म पर निवास स्थान बनाने के उपयोग में लाने अथवा दान लेने के लिए किसी देवता अथवा देवी का चित्र ,मूर्ति अथवा फोटो दिखाने की आज्ञा नहीं है यदि कोई ऐसा कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है तो युक्त प्रांतीय म्युनिसिपालिटी ओ के 1916 के विधान एक्ट की धारा 299 (1) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए बोर्ड ने यह आदेश दिया था कि उपरोक्त नियमों में से किसी का भी उल्लंघन करने कार्दन दिया जाएगा जो सन 1916 में ₹10 तक का हो सकता है आदेश पारित हुआ और यदि उल्लंघन निरंतर होता है तो और भी अर्थदंड हो सकता है जो कि प्रथम बार दंडित होने के पश्चात प्रतिदिन के लिए जिन के मध्य में उल्लंघन करने वाले ने उल्लंघन करने पर कमरकस रखी थी ऐसा सिद्ध होने पर ₹5 तक का हो सकता है।
अतः प्रार्थना है कि युक्त प्रांतीय म्युनिसिपैलिटीयो के 1916 के विधान एक्ट की धारा 299 (1) द्वारा दंड में संशोधन करते हुए उक्त नियमों में किसी का भी उल्लंघन करने पर अर्थदंड वर्तमान में ₹1000000 किए जाने हेतु जनपद मजिस्ट्रेट हरिद्वार को नगर निगम हरिद्वार के लिए आदेश पारित करने की कृपा करें।
प्रार्थी
कमल भदौरिया एल.एल.बी .अध्यनरत
पुत्र अरुण भदोरिया एडवोकेट