धर्मरक्षा में अज्ञात बलिदानियों का कराया सामूहिक तर्पण

 प्राणों की दी आहूति दी लेकिन नहीं किया धर्म परिवर्तन
अयोध्या फाउंडेशन कर रही धर्मरक्षा का काम  
हरिद्वार। हरिद्वार के चण्डी घाट पर, 1400 वर्षों में धर्म रक्षा में बलिदान हुए करोड़ों हिंदुओं का, इस वर्ष नौवां सामूहिक तर्पण हुआ। अयोध्या फ़ाउंडेशन की संस्थापक मीनाक्षी शरण ने देश विदेश से आए हिंदुओं और हिंदू संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ हरिद्वार के चण्डी घाट पर इस वर्ष नौवे सामूहिक तर्पण किया।
मीनाक्षी शरण गत 9 वर्षों से, सर्वपितृ अमावस्या पर धर्मरक्षा में बलिदान हुए अज्ञात हिन्दुओं के सामूहिक तर्पण का आयोजन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि एतिहासिक आकलन के अनुसार 14 सदियों में धर्म, आस्था, हिंदू पहचान, एवं संस्कृति बचाए रखने के लिए 80 करोड़ हिन्दुओं ने अपने प्राणों की आहूति दी- लड़ते लड़ते मरना स्वीकार किया मगर धर्म परिवर्तन नहीं। जिन करोड़ों हिंदुओं ने इतना लंबा धार्मिक संघर्ष कर के हमें हिन्दू होने का सौभाग्य दिया, उन पितरों के ऋण आज भी हिंदू समाज पर बकाया हैं।
उन्हीं करोड़ों हिंदुओं के हजारों वर्षों के संघर्ष के कारण आज भारत अपने मूल स्वरूप में जीवित है, अगर आगे भी एक जीवित सभ्यता के रूप में रहना है, तो हिंदुओं को सनातन धर्म संस्कारों और अपने गौरवशाली इतिहास के प्रति जागरूक होना ही होगा, उन करोड़ों पूर्वजों के बलिदान जीवित रखने के लिये उनके #सामूहिक तर्पण करने ही होंगे जिन्होंने सनातन सभ्यता का अस्तित्व बनाए।
देश के सभी क्षेत्रों से आए हिंदू एवं हिन्दू संस्थाओं के प्रतिनिधियों में राजनीतिक सलाहकार निशीथ शरण, चंडीगढ़ से ब्रांड निर्माता व्यवसायी शिवानी सोही एवं गुरप्रताप सिंह सोही, त्रिलोक सिंह सोही, शाश्वत भारत ट्रस्ट देहरादून के संस्थापक डॉक्टर कुलदीप दत्ता, रिटायर्ड कर्नल विवेक गुप्ता, लगभग 100 बच्चों ने हरिद्वार के चंडी घाट पर करोड़ों बलिदानी हिंदुओं के सामूहिक तर्पण किए।

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