सच्ची शिक्षा वही है जो करे व्यक्ति के भीतर संस्कार, चरित्र और सेवा भावना का निर्माण

सच्ची शिक्षा वही है जो करे व्यक्ति के भीतर संस्कार, चरित्र और सेवा भावना का निर्माण

हरिद्वार। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, हरिद्वार शिक्षा केन्द्र के तत्वावधान में ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय में “चरित्र निर्माण और मूल्य आधारित शिक्षा” विषय पर प्रेरणादायक व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों, अनुशासन और देशभक्ति की भावना का विकास करना था।
मुख्य वक्ता डॉ. जगराम, क्षेत्रीय संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने कहा कि सच्ची शिक्षा वही है जो व्यक्ति के भीतर संस्कार, चरित्र और सेवा भावना का निर्माण करे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे मातृभूमि, स्वभाषा, भूषा, भोजन, भजन और भवन के साथ संस्कारित जीवन जीने के लिए सदैव तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि समस्याओं पर चर्चा नहीं, बल्कि समाधान की दिशा में प्रयास करना ही सच्ची शिक्षा का उद्देश्य है। कार्यक्रम में न्यास के प्रदेश संयोजक डॉ. अशोक मैन्दोला ने कहा कि शिक्षा जीवन के लिए और जीवन वतन के लिए होना चाहिए। प्रधानाचार्य डॉ. बलदेव प्रसाद चमोली ने अतिथियों का सम्मान किया, जबकि डॉ. आनन्द सिंह फर्त्याल ने आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ. नवीन चन्द्र पन्त ने किया। इस अवसर पर डॉ. जनार्दन प्रसाद कैरवान, डॉ. सुभाष डोभाल, आचार्य महेश बहुगुणा, मनोज शर्मा, जगतनयन बहुखंडी, श्रीमती उमा जोशी, डॉ. ललिता चौहान, सचिन ढौंढियाल सहित अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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