किसी भी लापरहवाही से लंबित न रहे जनहित के मुद्दे: त्रिवेंद्र सिंह रावत

किसी भी लापरहवाही से लंबित न रहे जनहित के मुद्दे: त्रिवेंद्र सिंह रावत

 

 

हरिद्वार। सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में जिला समन्व एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक सीसीआर सभागार में सम्पन्न हुई। उन्होंने जनपद में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान निर्देशित करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह हैं, जनप्रतिनिधियों द्वारा जो भी मुद्दे उठाये जा रहे हैं, अगली मीटिंग में उन मुद्दों के समाधान, चल रही कार्यवाही या समाधान नही हो सकता है तो उस पर स्पष्ट जवाब दें कि हमारे पास समाधान नहीं हैं, ताकि ऐंसी स्थिति में आगे का रास्ता निकाला जा सके और जनहित के मुद्दे किसी की लापरवाही से अनावश्यक लम्बित न रह पायें। उन्होंने दिव्यांग, गरीब, महिलाओं आदि के प्रति शालीनता एवं अच्छा रवैया अपनाते हुए अच्छे से अच्छा कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

उन्होंने सड़क निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि पुरकाजी-लक्सर-हरिद्वार मार्ग को फोर-लेन करने के लिए सर्वे कार्य पूरा कर लिया जाये। उन्होंने रिंग रोड निर्माण हेतु फैज टू के लिए आवश्यक कार्यवाही करने तथा हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे का निर्माण कार्यों में तेजी लाकर अतिशीघ्र पूरा करने के निर्देश एनएचएआई के अधिकारियों को दिये। उन्होंने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होंने सड़क निर्माण कार्यों से जुड़ी समस्याओ के समाधान हेतु जिलाधिकारी को सम्बन्धित अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि एनएच चौड़ीकरण के कारण विभिन्न क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाली जल भराव की समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाये। उन्होंने पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत शेष 6 सड़कों का निर्माण कार्य भी अतिशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिशासी अभियन्ता पीएमजीएसवाई को दिये।

बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी, विधायक मदन कौशिक, काजी निजामुद्दीन, फुरकान अहमद, आदेश चौहान, अनुपमा रावत, ममता राकेश, वीरेन्द्र जाती, मेयर किरन जैसल, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकार सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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