भविष्य सुरक्षित रखने के लिए संस्कार, पर्यावरण और कुटुम्ब प्रबोधन आवश्यक

हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के तहत आयोजित कार्यक्रम में संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि आज चारित्रिक पतन और भोगवाद की प्रवृत्ति बढ़ रही है, ऐसे में मूल्य रक्षक की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सही दिशा में उत्थान के लिए ऊर्जा और आशीर्वाद दोनों जरूरी हैं। प्रकृति को देवता मानते हुए उन्होंने बताया कि तत्वों का संरक्षण आवश्यक है।
भैयाजी ने संतों को आह्वान किया कि हिंदुत्व की रक्षा हेतु संस्कार, पर्यावरण और कुटुंब प्रबोधन की शिक्षा जन-जन तक पहुँचानी होगी। कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने संघ को सनातन परिवार बताया और राजनीतिक संगठन न मानने की जरूरत जताई। योग ऋषि बाबा रामदेव ने कहा कि राष्ट्र सशक्त बनाने के लिए आत्मचिंतन और समर्पणभाव आवश्यक है। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. हरिचेतनानंद, स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी प्रबोधनानंद, अन्य शीर्ष संत और आरएसएस के कई प्रमुख स्वयंसेवक उपस्थित रहे।