राष्ट्र की एकता, धर्म की स्वतंत्रता और सामाजिक समरसता के लिए गुरू तेग बहादुर ने दिया था सर्वाेच्च बलिदान: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने ‘हिन्द दी चादर’ नाटक मंचन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

 


देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष को समर्पित नाटक ‘हिन्द दी चादर’ के मंचन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड सिक्ख कोऑर्डिनेशन कमेटी एवं श्री गुरू तेग बहादुर चौरिटेबल चिकित्सालय द्वारा नाटक ‘हिन्द दी चादर’ का मंचन कार्यक्रम दून मेडिकल कॉलेज, पटेलनगर देहरादून में किया गया।
मुख्यमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के अद्वितीय बलिदान और धर्मरक्षा के योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने उस समय प्राणों की आहुति दी, जब देश की संस्कृति, आस्था और आत्म सम्मान पर संकट गहराया हुआ था। उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी को ‘हिन्द दी चादर’ यूं ही नहीं कहा गया। उन्होंने राष्ट्र की एकता, धर्म की स्वतंत्रता और सामाजिक समरसता के लिए सर्वाेच्च बलिदान दिया। उनका साहस, बलिदान और उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री स. मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक विनोद चमोली, गुरूदेव सिंह, नाटक मंचन के आयोजक एवं कलाकार उपस्थित थे।

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