संघर्ष, समर्पण और राष्ट्रसेवा का अनुपम उदाहरण है राष्ट्रपति का सम्पूर्ण जीवन: मुख्यमंत्री

संघर्ष, समर्पण और राष्ट्रसेवा का अनुपम उदाहरण है राष्ट्रपति का सम्पूर्ण जीवन: मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजतोत्सव पर आयोजित इस विशेष सत्र में राष्ट्रपति का मार्गदर्शन हम सबको प्राप्त हो रहा है। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का सम्पूर्ण जीवन संघर्ष, समर्पण और राष्ट्रसेवा का अनुपम उदाहरण है। उनके व्यक्तित्व में मातृत्व की ममता, सेवा का संकल्प और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण का अद्भुत संगम निहित है। उन्होंने सदैव अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए समाज के वंचित, शोषित एवं पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण हेतु कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने निजी जीवन में अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए भी हमेशा राष्ट्र सर्वाेपरि की भावना से कार्य करते हुए समाज जीवन में अपना योगदान दिया। झारखंड की राज्यपाल के रूप में भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों का अनुसरण करते हुए उन्होंने जनजातीय समाज के उत्थान में अविस्मरणीय भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दूसरा मौका है कि जब उत्तराखंड की विधानसभा में हमारे देश के राष्ट्रपति का अभिभाषण हो रहा है, इससे पूर्व 18 मई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी ने विधानसभा को संबोधित किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की प्रथम नागरिक के रूप में राष्ट्रपति द्वारा उत्तराखंड की विधानसभा में दिया जाने वाला ऐतिहासिक अभिभाषण हमारे राज्य के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा। उनके प्रेरणादायी शब्द आने वाले 25 वर्षों तक उत्तराखंड की प्रगति के लिए हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड 9 नवंबर को अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर प्रत्येक उत्तराखंडवासी के लिए आत्मगौरव का क्षण होने के साथ ही अत्यंत भावनात्मक क्षण भी है।  उत्तराखण्ड राज्य हमारी उन असंख्य माताओं, बहनों, युवाओं और जननायकों के अदम्य साहस और संघर्ष का प्रतीक है, जिनके तप, त्याग और बलिदान के बल पर ये गौरवशाली राज्य अस्तित्व में आया। मुख्यमंत्री ने सभी ज्ञात-अज्ञात राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि अमर आंदोलनकारियों के बलिदान को उत्तराखंड का कोई भी नागरिक कभी नहीं भुला सकता।

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