पेपर लीक कांड में बड़ा खुलासा: महिला प्रोफेसर तक सबसे पहले पहुंचा था प्रश्न पत्र

पेपर लीक कांड में बड़ा खुलासा: महिला प्रोफेसर तक सबसे पहले पहुंचा था प्रश्न पत्र
देहरादून। 21 सितंबर को आयोजित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (न्ज्ञैैैब्) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में पुलिस की एसआईटी जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच में पता चला है कि परीक्षा के प्रश्न पत्र की फोटो सबसे पहले टिहरी में तैनात एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर के पास पहुंची थी।
जांच के मुताबिक परीक्षा शुरू होने से पहले किसी भी केंद्र से पेपर आउट होने की जानकारी नहीं मिली थी। लेकिन पेपर समाप्त होने के बाद दोपहर करीब 1ः30 बजे सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र के स्क्रीनशॉट वायरल हो गए। पुलिस ने जब स्रोत खंगाला तो पता चला कि फोटो महिला प्रोफेसर तक सबसे पहले आई थी। पूछताछ में महिला ने बताया कि यह प्रश्न पत्र हरिद्वार निवासी खालिद मलिक ने उसे भेजा था।
महिला ने बताया कि खालिद मलिक से उसकी पहचान 2018 में हुई थी, जब वह नगर निगम ऋषिकेश में टैक्स इंस्पेक्टर थीं और खालिद सीपीडब्ल्यूडी में संविदा पर जेई के पद पर कार्यरत था। खालिद ने मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला देते हुए अपनी बहन के नाम से महिला को प्रश्नों के उत्तर भेजने को कहा। महिला ने जवाब तैयार कर फोटो के जरिए भेजे और स्क्रीनशॉट अपने मोबाइल में सेव कर लिए।
बोले एसएसपी
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, महिला ने बाद में यह जानकारी उत्तराखंड बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार को दी। आरोप है कि पंवार ने बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल कर परीक्षा प्रणाली को बदनाम करने का प्रयास किया। जांच के आधार पर रायपुर थाने में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने खालिद मलिक समेत कई संदिग्धों के खिलाफ सबूत जुटा लिए हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दी गई हैं। एसआईटी अब यह भी जांच कर रही है कि क्या पेपर वायरल करने के पीछे परीक्षा को सनसनीखेज बनाने की साजिश थी।

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