उत्तराखण्ड सरकार का बड़ा निर्णय, पॉक्सो पीड़ित बच्चों को समयबद्ध मिलेगी क्षतिपूर्ति
DESK THE CITY NEWS
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने अपराध से पीड़ित बच्चों को शीघ्र और प्रभावी सहायता प्रदान करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ’’उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता/क्षतिपूर्ति योजना-2013’’ में संशोधन कर नया रूप ’’उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना-2025’’ अधिसूचित किया है। इस संशोधन का उद्देश्य पॉक्सो अधिनियम, 2012 (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) के अंतर्गत अपराध से प्रभावित बच्चों को समयबद्ध, न्यायसंगत एवं पर्याप्त वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराना है।
क्या है नई व्यवस्था?
संशोधित योजना के तहत पॉक्सो अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत पीड़ित बच्चों को अपराध की गंभीरता के आधार पर न्यूनतम और अधिकतम क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी।
क्र.सं. अपराध/हानि का विवरण न्यूनतम राशि अधिकतम राशि
1 प्रवेशन लैंगिक हमला (धारा-4) 1,00,000 7,00,000
2 गंभीर प्रवेशन लैंगिक हमला (धारा-6) 1,00,000 7,00,000
3 लैंगिक हमला (धारा-7) 50,000 1,00,000
4 गंभीर लैंगिक हमला (धारा-9) 50,000 2,00,000
5 लैंगिक उत्पीड़न (धारा-11) 20,000 1,00,000
6 अश्लील प्रयोजनों के लिए बालक का उपयोग (धारा-14) 50,000 1,00,000
2 गंभीर प्रवेशन लैंगिक हमला (धारा-6) 1,00,000 7,00,000
3 लैंगिक हमला (धारा-7) 50,000 1,00,000
4 गंभीर लैंगिक हमला (धारा-9) 50,000 2,00,000
5 लैंगिक उत्पीड़न (धारा-11) 20,000 1,00,000
6 अश्लील प्रयोजनों के लिए बालक का उपयोग (धारा-14) 50,000 1,00,000
प्रमुख बिंदु
पॉक्सो अधिनियम, 2012 लैंगिक रूप से तटस्थ है, 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चे इस योजना में संरक्षित रहेंगे।
क्षतिपूर्ति राशि न्यायालयों के आदेशों के अनुरूप त्वरित रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।
यह पहल बच्चों को आर्थिक सहयोग के साथ-साथ उनके पुनर्वास की प्रक्रिया को भी गति देगी।
क्षतिपूर्ति राशि न्यायालयों के आदेशों के अनुरूप त्वरित रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।
यह पहल बच्चों को आर्थिक सहयोग के साथ-साथ उनके पुनर्वास की प्रक्रिया को भी गति देगी।