शिक्षक संघ ने मांगों को लेकर किया अनोखा प्रदर्शन
उत्तरकाशी। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड की जनपद शाखा ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को जिला मुख्यालय में श्राद्ध पक्ष के अवसर पर तर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें शिक्षकों ने सीमित विभागीय भर्ती परीक्षा नियमावली की प्रतियां गंगा में विसर्जित कर सरकार और विभाग की नीतियों पर कड़ा रोष जताया।
जिलाध्यक्ष अतोल महर और जिलामंत्री बलवन्त असवाल के नेतृत्व में कार्यक्रम में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग और राज्य सरकार वर्षों से शिक्षकों की पदोन्नति, स्थानांतरण बहाली और वरिष्ठता निर्धारण जैसी समस्याओं को अनदेखा कर रही है। प्रदेशभर में लगभग 96 विद्यालयों में प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं, जबकि शिक्षक 25-30 वर्षों तक एक ही पद पर रोके हुए हैं, जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
संगठन ने याद दिलाया कि गत वर्ष शासन ने नियमावली में बदलाव पर शिक्षक संघ को विश्वास में लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन बिना चर्चा के नियमावली को कैबिनेट में भेज दिया गया। कार्यक्रम में जिला आय-व्यय निरीक्षक पुरुषोत्तम सिंह सौंसवाण, संयुक्त मंत्री हिमानी मटूड़ा, वरिष्ठ प्रवक्ता शांति प्रसाद नौटियाल, ब्लॉक अध्यक्ष मनोज परमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे। संघ ने चेतावनी दी कि मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।