देहरादून को असुरक्षित शहरों में दिखाने वाली सर्वे रिपोर्ट भ्रामक: राज्य महिला आयोग
देहरादून। हाल ही में निजी डेटा साइंस कम्पनी ’पी वैल्यू एनालिटिक्स’ द्वारा प्रकाशित ’’नारी-2025’’ सर्वे रिपोर्ट में देहरादून को देश के 10 असुरक्षित शहरों में शामिल किया गया, जिसे राज्य महिला आयोग ने आधारहीन और भ्रामक बताया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह सर्वे न तो राष्ट्रीय महिला आयोग और न ही राज्य महिला आयोग द्वारा कराया गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस रिपोर्ट से कोई संबंध न होने की पुष्टि की है।
रिपोर्ट 31 शहरों में CATI o CAPI तकनीक से 12,770 महिलाओं से टेलीफोनिक वार्ता पर आधारित है, जबकि देहरादून में मात्र 400 महिलाओं का सैम्पल लिया गया। यहां महिलाओं की कुल आबादी लगभग नौ लाख है। रिपोर्ट के अनुसार केवल 4 प्रतिशत महिलाएं सुरक्षा ऐप का उपयोग कर रही हैं, जबकि राज्य के ’गौरा शक्ति ऐप’ में 1.25 लाख रजिस्ट्रेशन हैं, जिनमें 16,649 देहरादून से हैं।
अगस्त माह में डायल 112 पर कुल 12,354 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से केवल 11 शिकायतें छेड़छाड़ व लैंगिक हमलों से संबंधित रहीं। पुलिस का औसत रिस्पांस टाइम 13.33 मिनट रहा। शहर में 14,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे, पिंक बूथ, वन स्टॉप सेंटर और 13 ’गौरा चीता’ टीमें महिला सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं।
आयोग ने कहा कि सर्वे में न तो प्रतिभागियों की आयु, शिक्षा व रोजगार की स्थिति स्पष्ट की गई, न ही स्थानीय और बाहरी प्रतिभागियों का अंतर बताया गया। सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताओं को भी नजरअंदाज किया गया। एनसीआरबी डेटा दर्शाता है कि देहरादून का अपराध दर महानगरों से कम है।
देहरादून में प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान, पर्यटक स्थल और विदेशी छात्रों की बड़ी संख्या इस बात का प्रमाण है कि यह शहर सुरक्षित है। आयोग ने कहा कि सर्वे के निष्कर्षों का सम्मान है, किंतु नीतिगत निर्णयों के लिए वैज्ञानिक और तथ्यात्मक पद्धति वाले सर्वे आवश्यक हैं।