पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी ने मासिक अपराध गोष्ठी में दिए सख्त निर्देश

उत्तरकाशी। पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी सरिता डोबाल ने बुधवार को पुलिस कार्यालय उत्तरकाशी में अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मासिक अपराध गोष्ठी में अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था और ऑनलाइन पोर्टल्स को अपडेट रखने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी सीओ एवं प्रभारियों को मानसून सीजन के दृष्टिगत अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करने को कहा। बरसात के शेष दिनों में अलर्ट को देखते हुए आवश्यक सावधानियां बरतने पर जोर दिया। आपदा सीजन, विशेषकर हर्षिल-धराली आपदा के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले थाना हर्षिल के 2 और कोतवाली मनेरी के 1 पुलिस कर्मी सहित कुल 6 कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
पुलिस अधीक्षक ने सभी कर्मियों को अपने-अपने बीट में नियमित भ्रमण एवं निगरानी रखने, अपराध नियंत्रण, कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने और लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। चारधाम यात्रा पुनः शुरू होने के मद्देनजर सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। अपराध नियंत्रण के लिए बाहरी राज्यों/देशों से आए व्यक्तियों का शत-प्रतिशत पुलिस सत्यापन कराने, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और लंबित विवेचनाओं, समन, वारण्ट व प्रार्थना पत्रों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया गया।
गोष्ठी के दौरान पुलिस कर्मियों की समस्याएं सुनी गईं। इस अवसर पर वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अरुण गौड़ एवं डीजीसी प्रवीन सिंह ने एनडीपीएस एक्ट, पोक्सो अधिनियम, महिला अपराधों और अन्य मामलों में विवेचनाओं को और बेहतर व पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक सावधानियों की जानकारी दी।
उन्होंने सभी सीओ एवं प्रभारियों को मानसून सीजन के दृष्टिगत अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करने को कहा। बरसात के शेष दिनों में अलर्ट को देखते हुए आवश्यक सावधानियां बरतने पर जोर दिया। आपदा सीजन, विशेषकर हर्षिल-धराली आपदा के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले थाना हर्षिल के 2 और कोतवाली मनेरी के 1 पुलिस कर्मी सहित कुल 6 कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
पुलिस अधीक्षक ने सभी कर्मियों को अपने-अपने बीट में नियमित भ्रमण एवं निगरानी रखने, अपराध नियंत्रण, कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने और लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। चारधाम यात्रा पुनः शुरू होने के मद्देनजर सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। अपराध नियंत्रण के लिए बाहरी राज्यों/देशों से आए व्यक्तियों का शत-प्रतिशत पुलिस सत्यापन कराने, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और लंबित विवेचनाओं, समन, वारण्ट व प्रार्थना पत्रों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया गया।
गोष्ठी के दौरान पुलिस कर्मियों की समस्याएं सुनी गईं। इस अवसर पर वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अरुण गौड़ एवं डीजीसी प्रवीन सिंह ने एनडीपीएस एक्ट, पोक्सो अधिनियम, महिला अपराधों और अन्य मामलों में विवेचनाओं को और बेहतर व पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक सावधानियों की जानकारी दी।