12 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले उपनलकर्मियों को मिलेगा न्यूनतम वेतन व महंगाई भत्ता

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्मिकों के हित में एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह निर्णय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल में योजित रिट याचिका संख्या 116/2018 (पीआईएल) में पारित आदेश दिनांक 12.11.2018 के अनुपालन में, उपनल प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री से हुई विस्तृत वार्ता तथा शासन स्तर पर व्यापक विचार-विमर्श के उपरांत लिया गया है।
सैनिक कल्याण विभाग के सचिव दीपेन्द्र चौधरी द्वारा प्रबंध निदेशक, उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड को भेजे गए परिपत्र में निम्न निर्देश स्पष्ट किए गए हैं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों/संस्थानों में उपनल के माध्यम से कार्यरत ऐसे कार्मिक, जिन्होंने 12 वर्ष या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूरी की है, उन्हें ’’समान कार्य-समान वेतन’’ के सिद्धांत के आधार पर वेतनमान का न्यूनतम वेतन एवं महंगाई भत्ता प्रदान किया जाएगा। अन्य उपनल कार्मिक, जिन्होंने चरणबद्ध रूप से निरंतर सेवाएँ पूर्ण की हैं, उन्हें भी इसी सिद्धांत के अनुरूप यथाशीघ्र न्यूनतम वेतन एवं महंगाई भत्ता उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि उपरोक्त निर्णयों को लागू करने के लिए औपचारिक आदेश जल्द ही जारी किए जाएंगे, ताकि सभी पात्र कार्मिकों को समयबद्ध रूप से इसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उपनल कार्मिकों के हितों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। सरकार का लक्ष्य है कि इन कार्मिकों को उनके योगदान, सेवा और परिश्रम के अनुरूप उचित सम्मान और अधिकार मिलें। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार उनके दीर्घकालिक हितों की रक्षा हेतु आगे भी आवश्यक व कल्याणकारी निर्णय लेती रहेगी।