सूबे में 1.30 लाख मैट्रिक टन हुई भण्डार गृहों की भण्डारण क्षमता

सूबे में 1.30 लाख मैट्रिक टन हुई भण्डार गृहों की भण्डारण क्षमता

 

DESK THE CITY NEWS

देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। राज्य भण्डार निगम ने अपने भण्डारण ढ़ाचे को मजबूत करते हुये प्रदेशभर में भण्डार गृहों की क्षमता को 1.30 लाख मैट्रिक टन से अधिक पहुंचा दिया है। इन भण्डार गृहों में बड़े पैमाने पर खाद्यान्न एवं उर्वरकों का दीर्घकालीक वैज्ञानिक भण्डारण किया जा रहा है। जिससे न सिर्फ भण्डार निगम की आय में वृद्धि हो रही है बल्कि इसका सीधा लाभ स्थानीय काश्तकारों और किसानों को भी मिल रहा है।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य भण्डार निगम ने आत्मनिर्भरता की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। निगम ने पिछले कुछ वर्षों में अपने भण्डारगृहों की भण्डारण क्षमताओं में विस्तार कर काश्तकारों व किसानों को भण्डारण का लाभ पहुंचाया है साथ ही अपनी आय में भी तेजी से वृद्धि की है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक निगम ने भण्डारगृहों की भण्डार क्षमता 131550 मैट्रिक टन कर दी है। जिसमें रूद्रपुर में 10486 मैट्रिक टन, गदरपुर में 16081, गूलरभोज 3940, किच्छा 13111, सितारगंज 8970, हल्द्वानी (नवीन मण्डी) 6895, कमलुवागांजा हल्द्वानी 16470, अल्मोड़ा 5000, हरिद्वार 5222, विकासनगर 11613 तथा नकरौंदा में 10172 मैट्रिक टन क्षमता का भण्डारगृह संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा निगम द्वारा किराये पर भी कई भण्डारगृहों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें काशीपुर में 5000 मैट्रिक टन क्षमता का गोदाम शामिल है, इसी प्रकार रामनगर में 2500, सितारगांज 7090 तथा नानकमत्ता में 9000 मैट्रिक टन क्षमता का भण्डारगृह शामिल है। इसके अलावा प्रदेश के कई अन्य स्थानों पर गोदामों की आवश्यकता को देखते हुये सहकारिता मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने आधुनिक सुविधाओं से लैस 5 नये गोदामों के निर्माण की स्वीकृति निगम को दी है। जिनकी क्षमता 40 हजार मिट्रिक टन है।

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