वैज्ञानिकों ने गाँव पहुँचकर सुनी किसानों की समस्याएँ

वैज्ञानिकों ने गाँव पहुँचकर सुनी किसानों की समस्याएँ

 

देहरादून। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत वैज्ञानिकों ने गांव पहुंचकर किसानों की समस्याएं सुनी। आईसीएआर-आईआईएसडब्लूयसी के पांच वैज्ञानिक दलों ने 13 गाँवों में पहुंचकर किसानों की समस्याओं का समाधान किया। टीमों ने किसानों की समस्याएँ जानी और पहचानी। इनमें वन्यजीव क्षति में जंगली सूअर, मोर, बंदर, खरगोश और भौंकने वाले हिरण जैसी प्रजातियों द्वारा फसलों को नुकसान प्रमुख है। साथ ही फसल रोग बीन्स,  कोलोकेसिया, मक्का, चना, अदरक, गन्ना और पॉपलर जैसी फसलों में रूट रॉट, स्टेम बोरर, सूत्रकृमि, पत्तियों का सूखना और पौधों का मरना भी शामिल है। सिंचाई की चुनौतियों में पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था न होना और जल की कमी शामिल है। बाजार संबंधी समस्याओं में दुर्गम भौगोलिक स्थिति के कारण उत्पादन और विपणन में कठिनाई शामिल है। इस अभियान का संचालन डॉ. मदनु (निदेशक) के मार्गदर्शन में डॉ. बांके बिहारी, डॉ. एम. मुरुगानंदम (प्रधान वैज्ञानिक), अनिल चौहान (सीटीओ), इं. अमित चौहान (एसीटीओ), प्रवीण तोमर (एसटीओ) तथा मीना पंत (पीए) द्वारा किया जा रहा है।

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