फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने पर जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई
हरिद्वार। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन ने फर्जी प्रमाण पत्र निर्गत करने वालों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में सीएससी सेंटर संचालक साजिद निवासी मुस्तफाबाद, पोस्ट धनपुरा, तहसील हरिद्वार के खिलाफ फर्जी दस्तावेज अपलोड कर स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी कराने पर प्राथमिकी दर्ज करने की संस्तुति की गई है।
उपजिलाधिकारी हरिद्वार जितेंद्र कुमार ने बताया कि तहसीलदार सचिन कुमार की जांच रिपोर्ट में यह सामने आया कि साजिद की सीएससी आईडी 354772620014 से आवेदक नवाजिश पुत्र नूर आलम के स्थायी निवास प्रमाण पत्र (आवेदन संख्या यूके-25-ईएस-0100585235, दिनांक 09.11.2025) के साथ ’कूटरचित खतौनी संलग्न की गई थी। जांच में पाया गया कि ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की गई खतौनी में खाता व खसरा संख्या तो सही थे, लेकिन वास्तविक रिकॉर्ड में दर्ज भूमिधर का नाम पूरी तरह भिन्न था। इससे स्पष्ट हुआ कि प्रमाण पत्र निर्गत कराने हेतु फर्जी दस्तावेज अपलोड किए गए। जांच में यह भी उजागर हुआ कि संबंधित संचालक द्वारा अपने सीएससी केंद्र का दुरुपयोग कर संगठित तरीके से लोगों को फर्जी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जा रहे थे। ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र राज्य की कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी नौकरियों के लिए गंभीर बाधा उत्पन्न करते हैं तथा असली पात्र लोग लाभ से वंचित रह जाते हैं।
उपजिलाधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशों पर पिछले पांच वर्षों में जारी प्रमाण पत्रों की जाँच की जा रही है। वर्तमान में जारी हो रहे प्रमाण पत्रों की ’’कड़ी निगरानी और सत्यापन’’ किया जाएगा तथा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रमाण पत्र बनाने वाले किसी भी सीएससी संचालक को बख्शा नहीं जाएगा।