सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और जनहित से ध्यान भटकाने की रणनीति: राव आफाक अली

हरिद्वार। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि देश में वर्ष 2011 की जनगणना को लेकर चलाए जा रहे प्रोपगेंडा के चलते विकास, आवंटन, आरक्षण और परिसीमन प्रभावित हो रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे जनहित के सवालों पर सरकार गंभीर नहीं है। प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए राव आफाक अली ने बताया कि जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए गरीब लोग महीनों तक धक्के खाते हैं। आंगनबाड़ी व ग्राम प्रधान के प्रमाण, माता-पिता के शपथ पत्र और दो स्वतंत्र गवाहों के शपथ पत्र देने के बाद भी प्रक्रिया लंबी होती है।
उन्होंने कहा कि राशन कार्ड बनवाने और आधार कार्ड सुधार की प्रक्रिया ठप्प है। एनएफएसए लक्ष्य पूरा होने का दावा असत्य है, क्योंकि अधिकांश जनता राशन कार्ड से वंचित है। राव आफाक अली ने खनन, शराब और बिजली विभाग में भ्रष्टाचार पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। गरीबों पर बिजली बिल, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री फीस में मनमानी वसूली की जा रही है, जबकि बड़े उद्योग और अवैध उपयोगकर्ता सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि जनता शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर आवाज नहीं उठा पा रही है, क्योंकि उन्हें जन्म प्रमाण-पत्र और 2003 की वोटर लिस्ट के चक्रव्यूह में उलझाया गया है। पूर्व मंत्री किरण पाल वाल्मीकि और महेश प्रताप राणा ने यातायात नियमों के नाम पर परेशानियों की आलोचना की, जबकि विकास, आपदा प्रबंधन और बजट प्रबंधन भी गंभीर स्तर पर लचर है।