विकास नगर में हुआ सरस्वती कला मंच द्वारा रामलीला का शुभारंभ

देहरादून। सरस्वती कला मंच ने रामलीला मैदान, विकास नगर में रामलीला का आयोजन किया। उद्घाटन समाजसेवी अनिल गोयल ने किया, जबकि पूजा अर्चना काली मंदिर के आचार्य मनोज द्वारा संपन्न हुई।
शनिवार की लीला में महर्षि नारद जंगल में तपस्या में लीन रहते हैं, तभी इंद्र और अप्सराओं की ओर से उनकी तपस्या बाधित करने का प्रयास होता है। असफल होने पर कामदेव युक्ति से नारद जी को परास्त करता है। नारद जी शंकर भगवान को अपनी घमंड कथा सुनाते हैं और फिर सिल निधि के दरबार में जाकर कन्या के स्वयंवर का आयोजन करवाते हैं। विष्णु भगवान हरि का रूप देकर स्वयंवर में जाते हैं और नारद जी को श्राप देते हैं। लीला का समापन वानरों की भूमिका के साथ होता है। मुख्य पात्रों में विष्णु भगवान विकास शर्मा, नारद राहुल मित्तल, विश्व मोनी आस्था गुप्ता, इंद्र शैलेंद्र तोमर, मंत्री प्रशांत थापा, कामदेव संजय दीवान शामिल थे। मंच पर अध्यक्ष नवनीत वर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष राकेश गुलरिया, महासचिव रविंद्र सैनी, डायरेक्टर लक्ष्मी कोठियाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
राम जन्म और ताड़का वध का मंचन देखने उमड़ी भीड़
हरिद्वार। श्री कृष्णा नगर रामलीला कमेटी (रजि.) की रामलीला में दूसरे दिन भगवान श्रीराम का जन्म और ताड़का वध का शानदार मंचन प्रस्तुत किया गया। ताड़का वध का रोमांचक दृश्य देखने के लिए कृष्णा नगर रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में दर्शक जुटे। कार्यक्रम की शुरुआत राजा दशरथ द्वारा संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ से हुई, जिसके बाद राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के जन्म का दृश्य मंचित किया गया। इसके उपरांत महर्षि वशिष्ठ द्वारा राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को ऋषि-मुनियों की रक्षा हेतु आश्रम भेजने का प्रसंग प्रस्तुत किया गया। यहीं पर रामदृलक्ष्मण का ताड़का और अन्य असुरों से युद्ध होता है, जिसमें दोनों भाई ताड़का और असुरों का वध करते हैं।