हरिद्वार। हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने के नाम पर प्रॉपटी डीलरों के साथ ब्रोकर भूमि खरीदारों को भ्रमित कर रहे हैं। यहां तक की एयरपोर्ट के नाम पर भूमि में धनराशि निवेश करने वालों को गुमराह कर उन्हें भूमि खरीदने के लिए लालच दे रहे हैं। जबकि हरिद्वार जिले में एयरपोर्ट बनने के नाम पर कोई डाक्यूमेंटेशन नहीं है, जबकि प्रॉपर्टी डीलर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने की बात कर रहे है। लक्सर रोड वाले प्रॉपर्टी डीलर धनपुरा—पथरी के पास, हरिद्वार—रुड़की वाले पतंजलि—बहादराबाद के बीच, लक्सर वाले खानपुर के पास, लालढांग—श्यामपुर वाले सजनपुर पीली में, भगवानपुर एवं झबरेड़ा के झबरेड़ा के पास हवाई अड्डा बनने की बात कहकर भूमि को कई गुणा महंगी कर दे रहे हैं। ऐसे में महंगी हुई भूमि में प्लॉट खरीदना आमजन की पहुंच से दूर होता जा रहा है।
हरिद्वार में बनेगा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, जबकि हरिद्वार से 36 किमी की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जौलीग्रांट है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतने नजदीक में दूसरा एयरपोर्ट कैसे बन सकता है। वर्ष—2021 में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने की बात कही थी, लेकिन तत्कालीन सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने सतपाल महाराज के बयान का खंडन कर दिया था। उन्होंने कहा था कि हवाई अड्डे बनने की प्रक्रिया राज्य सरकार में नहीं चल रही है। सुबोध उनियाल की बात की सत्यता का प्रमाण यह है कि पिछले चार सालों में कोई भी प्रक्रिया हरिद्वार में नहीं हुई।
लेकिन अब प्रॉपर्टी डीलर जगह—जगह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनवा रहे हैं। भूमि खरीदने वालों से कैसे भूमि के कई गुणा रेट वसूले जाए, इसके लिए आमजन को गुमराह कर रहे हैं। जहां कृषि भूमि 25 से 35 लाख रुपये बीघा बिक रही थी तो अब अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने या सिडकुल बनने का ख्वाब दिखाते हुए एक से डेढ़ करोड़ से लेकर दो करोड़ रुपये बीघा तक भूमि के रेट पहुंच गए हैं।
भू—कानून पर प्रचंड गुमराह
प्रॉपर्टी डीलर भू—कानून के नियमो पर भ्रमित कर रहे हैं। जबकि नियमों के चलते हुए भूमि खरीदने के नियम बहुत सख्त हैं। नियमों के खिलाफ भूमि खरीदने वालों की भूमि और प्लाट को राज्य सरकार में भूमि को निहित कर दिया जा रहा है। हरिद्वार जिले में हाल में सैकड़ों प्लॉट और कई भूमि को सरकार में निहित किया गया है।
एयरपोर्ट पर उठ रहे सवालों का नहीं है जवाब
-जौलीग्रांट एयरपोर्ट हरिद्वार के नजदीक है। ऐसे में हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की क्या आवश्यकता है?
-प्रदेश सरकार जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने को लेकर कई बार घोषणा कर चुकी है, उस घोषणा का क्या होगा?
-जौलीग्रांट स्थित देहरादून हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की योजना चल रही है। पहले चरण का काम अंतिम दौर में है। क्या इस पर कोई रोक लगने वाली है?
-हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर कोई सर्वे हुआ है। क्या उसकी कोई फिजिबिलिटी रिपोर्ट है?
-क्या नागरिक उड्डयन मंत्रालय से पर्यटन मंत्री को कोई संकेत मिले हैं कि हरिद्वार में एयरपोर्ट बनाया जाएगा?
जौलीग्रांट और पंतनगर हवाई अड्डे का चल रहा विस्तार
— देहरादून एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए कुल 53 हेक्टेयर भूमि का होगा उपयोग किया जाएगा, जिसमें से 48 हेक्टेयर भूमि वन विभाग और 5.344 हेक्टेयर निजी भूमि है।
उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध करने के लिए देहरादून एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाना जरूरी है। इसके लिए एयरपोर्ट का विस्तारीकरण होना है। जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड््डयन मंत्री से मुलाकात के दौरान बताया कि पंतनगर एयरपोर्ट रनवे की लंबाई 1372 मीटर से बढ़ाकर 3000 मीटर करने के लिए राज्य सरकार ने एएआइ को 524.78 एकड़ भूमि हस्तांतरित कर दी है।
हरिद्वार को उडान योजना के तहत हैलीपैड से जोड़ा जाएगा। आने वाले समय के लिए व्यवस्थाओं के लिए हैलीपेैड बनाने की कवायद तेज की जाएगी। कई शहरों में हवाई कनेक्टिविटी जोड़ने का काम भी किया जा रहा है।
सोनिका, सीईओ यूकाडा।