निजी स्कूलों को अनिवार्य रूप से करना होगा आरटीई का अनुपालन: डॉ. धन सिंह रावत
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। सूबे में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन न करने वाले शिक्षण संस्थानों पर ठोस कार्रवाई की जायेगी। इसके लिये सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में सभी निजी विद्यालयों से आरटीई के तहत होने वाले प्रवेश विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर महानिदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही मुख्य शिक्षा अधिकारी अपने-अपने जनपदों में सरकारी स्कूलों के साथ ही निजी स्कूलों का निरीक्षण कर जरूरी मानकों पर खरा न उतरने वाले शिक्षण संस्थानों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को शासकीय आवास पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुपालन को लेकर विभागीय समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी निजी शिक्षण संस्थानों को निर्धारित मानकों के अनुरूप अनिवार्य रूप से छात्र-छात्राओं को आरटीई के तहत प्रवेश देने होंगे। जिसकी जिम्मेदारी जनपद स्तर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी व ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारियों की होगी। डॉ.रावत ने कहा कि जिन शिक्षण संस्थानों में आरटीई के तहत छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है ऐसे विद्यालयों को नोटिस जारी कर एनओसी निरस्त करने की कार्रवाही की जायेगी। इसके लिये जनपद स्तर पर विभागीय अधिकारियों को सभी निजी शिक्षण संस्थानों की समीक्षा के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिये मुख्य शिक्षा अधिकारी को सरकारी एवं निजी सभी विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर वहां पर उपलब्ध संसाधनों, मूलभूत सुविधाओं एवं शैक्षणिक स्टॉफ की स्थिति आदि की रिपोर्ट तैयार कर मानकों पर खरे न उतरने वाले विद्यालयों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा अभिषेक रोहिला, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सचिव डॉ. एस.के.बर्णवाल, अनु सचिव डॉ.एस.के. सिंह आदि उपस्थित थे।