राष्ट्रपति के जन्मदिन पर बच्चों ने प्रस्तुति किया था बार-बार दिन ये आए गीत
DESK THE CITY NEWS
देहरादून। राहुल गिरि। शुक्रवार को राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम उस समय भावनाओं से सराबोर हो गया, जब दिव्यांग बच्चों ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी। बच्चों की प्रस्तुति में न केवल भावनाओं का संगीत था, बल्कि उनकी आत्मा की पुकार और संघर्ष की कहानी भी झलक रही थी। उनकी मासूम मुस्कान और समर्पण से सजी यह प्रस्तुति इतनी मार्मिक थी कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। पूरा सभागार एक क्षण के लिए स्तब्ध रह गया और फिर तालियों की गूंज से गूंज उठा।
इससे पूर्व राष्ट्रपति ने देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान का दौरा किया और छात्रों से बातचीत की। उन्होंने मॉडल स्कूल विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर प्रयोगशाला के साथ-साथ एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के जन्मदिन पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर दिव्यांग बच्चों ने राष्ट्रपति के सामने बार-बार दिन ये आए, बार-बार दिल ये गए, तुम जियो हजारों साल, ये मेरी है आरजू गाने की प्रस्तुति शुरू ही की थी कि कुछ देर बाद ही अचानक से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भावुक हो गईं और वो अपने आंसुओं को रोक नहीं पाईं।
इसके साथ ही बच्चों ने फिल्म तारे जमीं पर का गाना गया तो राष्ट्रपति के साथ-साथ मंच पर बैठे सभी लोग मंत्र मुग्ध हो गए थे। गाने के अंत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की आंखों से आंसू बहने लगे, लेकिन जैसे ही बच्चों ने अगले ही पल राष्ट्रपति को जन्मदिन की बधाई देते हुए एक प्रस्तुति दी, तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने आप को रोक नहीं पाईं और मंच पर वो रोने लगीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भावुक होते देख पीछे खड़े सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रूमाल दिया। दिव्यांग बच्चों का कार्यक्रम देखकर न सिर्फ राष्ट्रपति, बल्कि मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार और राज्यपाल गुरमीत सिंह भी भावुक हो गए थे। यह सभी वो बच्चे हैं, जो ठीक से देख नहीं पाते हैं। राष्ट्रपति ने उनकी आंखों पर चश्मा लगाकर उन्हें सम्मानित भी किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि वह इन बच्चों की प्रतिभा को देखकर बेहद प्रभावित हैं।