हमारे संवाददाता दिल्ली : 21 जून 2022
आगामी राष्ट्रपति चुनाव हेतु भाजपा संसदीय बोर्ड ने झारखंड की पूर्व राजयपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनतान्त्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से अपना राष्ट्रपति उमीदवार घोषित किया है। सूत्रों के अनुसार NDA सहित भाजपा का यह फैसला दक्षिण में अपनी पकड़ मजबूत करने व आगामी छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव में आदिवासी प्रजाति को साधने के तौर पर देखा जा सकता है। क्योंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है जिसमें आदिवासी वोट बहुतायत के चलते उनको रिझाने के लिए यह एक परीक्षण भाजपा द्वारा किया जा रहा है।
आखिर कौन है दौपदी मुर्मू ?
मालूम हो कि द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। वे झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। वह लंबे वक्त से भाजपा की सदस्य हैं। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी मूल की हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने राजनीति में ग्राउंड जीरो से काम शुरू किया था। वह पहली बार 1997 में रायरंगपुर से नगर पंचायत पार्षद बनीं। इसके बाद वह 2 बार ओडिशा के रायरंगपुर से विधायक भी रहीं और साथ ही भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं।
कई रेकॉर्ड है द्रौपदी मुर्मू के नाम
द्रौपदी मुर्मू के नाम कई रिकॉर्ड हैं। जैसे कि वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी थीं। साल 2000 में गठन के बाद से पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल भी हैं। वह पहली ऐसी ओडिया नेता हैं। जिन्हें राज्यपाल बनाया गया। इतना ही नहीं अगर द्रौपदी मुर्मू चुन ली जाती हैं वह भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी।
राष्ट्रपति पद के लिए आखिर क्यों चुना NDA ने द्रौपदी मुर्मू का नाम ?
माना जा रहा है कि द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन का प्रत्याशी इसीलिए बनाया गया है क्योंकि भाजपा दक्षिण के साथ-साथ आदिवासी मूल के लोगों में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती हैं। द्रौपदी इन दोनों ही शर्तों को पूरा करती हैं। वह आदिवासी मूल की हैं और साथ ही दक्षिण की ऐसी नेता भी जो जमीन से उठकर देश के शीर्ष पद की दावेदार हैं। इस तरह भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं।