शिक्षा में सुधार को कई योजनाएं लागू, छात्रवृत्तियों से मिला लाभ

शिक्षा में सुधार को कई योजनाएं लागू, छात्रवृत्तियों से मिला लाभ


देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। राज्य गठन के बाद 25 वर्षों में सीमित संसाधनों और विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। राज्य सरकार ने शिक्षा के प्रसार के लिए सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, पीएम श्री योजना, नव भारत साक्षरता कार्यक्रम और कलस्टर विद्यालय जैसी योजनाएं लागू कीं। आज राज्य की 97 प्रतिशत बस्तियों में प्राथमिक विद्यालय और 94 प्रतिशत में इंटरमीडिएट विद्यालयों की पहुंच है।
विद्यालयों में भौतिक संसाधन सुदृढ़ हुए हैं। 98 प्रतिशत विद्यालयों में शौचालय, 99 प्रतिशत में पेयजल और 95 प्रतिशत में बिजली की सुविधा उपलब्ध है। राज्य गठन के समय हाईस्कूल परीक्षा में 32.6 प्रतिशत उत्तीर्णता थी, जो अब बढ़कर 90.8 प्रतिशत हो गई है। इंटरमीडिएट स्तर पर यह प्रतिशत 61.2 से बढ़कर 83.3 प्रतिशत हो गया।
राज्य में 39 कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावासों में 4300 बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा मिल रही है। मुख्यमंत्री छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत कक्षा 6 से 12 तक के मेधावी छात्रों को 600 से 1200 तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। साथ ही, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से श्रेष्ठ विद्यालयों और विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है।
शिक्षा में पारदर्शिता व निगरानी के लिए “विद्या समीक्षा केंद्र” स्थापित किया गया है, जो रियल टाइम डाटा और ऑनलाइन मूल्यांकन की सुविधा प्रदान कर रहा है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप शिक्षा को उत्कृष्ट, रोजगारपरक और मूल्यपरक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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