माधो सिंह भण्डारी सामूहिक खेती योजना बनी बंजर भूमि के लिए वरदान

उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो / उदित पांडे,
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। सहकारिता विभाग की माधो सिंह भण्डारी सहकारी सामूहिक खेती योजना बंजर खेतों को पुनः उपजाऊ बनाने में सफल साबित हो रही है। इस योजना के तहत प्रदेश में 1235 एकड़ भूमि पर सामूहिक खेती की जा रही है और लगभग 2400 किसान सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेशभर की 24 सहकारी समितियों के माध्यम से कलस्टर मॉडल पर आधुनिक तकनीक का उपयोग कर मिलेट्स, बेमौसमी सब्जियां, दालें, फल, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की फसल, चारा फलस और व्यावसायिक फसलें उगाई जा रही हैं।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि माधो सिंह भण्डारी सहकारी समूहिक खेती योजना न केवल किसानों की आजीविका सुदृढ़ कर रही है, बल्कि पलायन प्रभावित क्षेत्रों में रिवर्स माइग्रेशन को भी प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना से प्रदेश की अनुपयोगी भूमि उपजाऊ हो रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। सहकारिता विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में इस मॉडल को और अधिक विस्तार दिया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि माधो सिंह भण्डारी सहकारी समूहिक खेती योजना न केवल किसानों की आजीविका सुदृढ़ कर रही है, बल्कि पलायन प्रभावित क्षेत्रों में रिवर्स माइग्रेशन को भी प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना से प्रदेश की अनुपयोगी भूमि उपजाऊ हो रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। सहकारिता विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में इस मॉडल को और अधिक विस्तार दिया जाएगा।