गीता और रामायण से बच्चे बनेंगे न्यायप्रिय और संस्कारी: कुमारी शिवानी

DESK THE CITY NEWS
हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य के स्कूलों में भगवद्गीता और रामायण जैसे भारतीय सांस्कृतिक ग्रंथों को शिक्षा में शामिल करने के निर्णय को लेकर सराहना का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया ज्ञान बच्चों में अच्छे संस्कारों का संचार करेगा और उन्हें न्यायप्रिय बनाएगा। मुख्यमंत्री के इस फैसले को फेरुपुर ग्राम पंचायत की सदस्य कुमारी शिवानी ने समय की जरूरत और बच्चों के चरित्र निर्माण के लिए एक सराहनीय पहल बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे ग्रंथों का अध्ययन बच्चों को सिर्फ शिक्षा ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की सही दिशा देगा। फेरुपुर ग्राम पंचायत की सदस्य कुमारी शिवानी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि गीता और रामायण जैसे ग्रंथों से बच्चों में नैतिकता, कर्तव्य भावना और आत्मसंयम जैसे गुण विकसित होंगे। ये ग्रंथ न केवल धार्मिक, बल्कि दार्शनिक और व्यावहारिक दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध हैं। शिक्षा सिर्फ ज्ञान देने तक सीमित न रहे, बल्कि वो जीवन में दिशा देने वाली हो- यही सच्ची शिक्षा है। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को धन्यवाद देते हुए कहा कि जो भी चीज बच्चों को सही राह पर ले जाए, उसका स्वागत पूरे समाज को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी की इस पहल को शिक्षा और संस्कृति के समन्वय की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। यदि इस निर्णय को जमीनी स्तर पर ठीक से लागू किया गया, तो उत्तराखंड देशभर में एक आदर्श मॉडल बन सकता है, जहां आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्य भी बच्चों के व्यक्तित्व का हिस्सा होंगे।