खोया-पाया केन्द्र: जहाँ बिछड़े मिलते हैं और मिलती है मुस्कुराहट

खोया-पाया केन्द्र: जहाँ बिछड़े मिलते हैं और मिलती है मुस्कुराहट

DESK THE CITY NEWS

पौड़ी। श्रावण मास की विशाल कांवड़ यात्रा में, जहाँ आस्था का सैलाब उमड़ता है,वहीं कभी-कभी भीड़ के बीच कोई अपनों से बिछड़ जाता है, तो कभी किसी का जरूरी सामान गुम हो जाता है। ऐसे संवेदनशील क्षणों में खोया-पाया केंद्र श्रद्धालुओं के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया।
इस कांवड़ यात्रा के दौरान अब तक लगभग 62 लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा श्री नीलकंठ महादेव में दर्शन किये हैं। इस अत्यधिक भीड़ के दौरान 483 श्रद्धालु जिनमें अधिकांश बच्चे थे वे अपने परिजनों से बिछड गये थे जिन्हें कांवड़ मेला के दौरान स्थापित 6 खोया-पाया केन्द्रों में नियक्त कर्मियों द्वारा लगातार अनाउंसमेंट कर, व्हटसअप ग्रुप में फोटो भेजकर,ग ांवों से परिजनों का पता लगाकर व आपसी तालमेल से बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को सकुशल उनके परिजनों से मिलाया गया। कहीं एक मासूम बच्चा अपने परिवार से बिछड़ गया था तो कहीं किसी श्रद्धालु का पर्स, मोबाइल या अन्य जरूरी सामान गुम हो गया था, लेकिन हर बार खोया-पाया केंद्र ने जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ उन सभी को उनके अपनों और सामान से मिलाया।  पौड़ी पुलिस के यह केंद्र न सिर्फ सूचना देने का माध्यम बने,बल्कि सैकड़ों चेहरों पर मुस्कान लौटाने का माध्यम भी रहे।

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