पेपर लीक होने के बाद से ही फरार चल रहा था आरोपी खालिद

देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पेपर लीक के बाद से ही फरार चल रहा मास्टरमाइंड खालिद मलिक आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने खालिद को हरिद्वार से दबोचा है और उससे गहन पूछताछ की जा रही है।
जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिस परीक्षा केंद्र आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट में खालिद परीक्षा दे रहा था, वहां सुरक्षा इंतज़ामों में गंभीर चूक हुई थी। इस केंद्र में कुल 18 कमरे थे, जिनमें 15 जैमर लगाए गए थे, लेकिन कमरे नंबर 9, 17 और 18 में जैमर नहीं थे। खालिद कमरे नंबर 9 में बैठा था। इसी का फायदा उठाकर उसने एक डिवाइस की मदद से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने अपनी बहन साबिया को भेजे, और साबिया ने उन्हें आगे प्रोफेसर सुमन चौहान तक पहुंचाया। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने मामले की जांच पुलिस अधीक्षक देहात जया बलूनी के नेतृत्व में विशेष टीम को सौंपी।
जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिस परीक्षा केंद्र आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट में खालिद परीक्षा दे रहा था, वहां सुरक्षा इंतज़ामों में गंभीर चूक हुई थी। इस केंद्र में कुल 18 कमरे थे, जिनमें 15 जैमर लगाए गए थे, लेकिन कमरे नंबर 9, 17 और 18 में जैमर नहीं थे। खालिद कमरे नंबर 9 में बैठा था। इसी का फायदा उठाकर उसने एक डिवाइस की मदद से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने अपनी बहन साबिया को भेजे, और साबिया ने उन्हें आगे प्रोफेसर सुमन चौहान तक पहुंचाया। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने मामले की जांच पुलिस अधीक्षक देहात जया बलूनी के नेतृत्व में विशेष टीम को सौंपी।
टीम ने किया परीक्षा केंद्र का निरीक्षण
टीम ने मंगलवार को परीक्षा केंद्र का गहन निरीक्षण किया और प्रिंसिपल, कक्ष निरीक्षकों व कर्मचारियों से लंबी पूछताछ की। इस दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने जैमर लगाने वाली टीम को भी जांच के दायरे में लिया है, क्योंकि खालिद बिना किसी डिवाइस चेकिंग के परीक्षा कक्ष तक कैसे पहुंचा, यह बड़ा सवाल है।
पूरे षड़यंत्र की जानकारी रखती थी साबिया
जांच में यह भी सामने आया कि खालिद की बहन साबिया को पूरे षड्यंत्र की जानकारी थी। उसने नकल कराने की नीयत से प्रश्नपत्र की फोटो प्रोफेसर सुमन को भेजी और उनसे उत्तर प्राप्त किए। सबूतों के आधार पर पुलिस ने साबिया को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, खालिद की दूसरी बहन हीना और प्रोफेसर सुमन चौहान अभी भी पुलिस हिरासत में हैं। खालिद की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी को उम्मीद है कि पेपर लीक गैंग के और सदस्यों की पहचान होगी। हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल और देहरादून एसएसपी अजय सिंह की देखरेख में खालिद से गुप्त स्थान पर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मोबाइल से कई अहम सुराग मिले हैं और इस मामले में शामिल हर व्यक्ति को जल्द बेनकाब किया जाएगा।

परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक करने वाली अभियुक्ता भी गिरफ्तार
हरिद्वार। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय पदों की लिखित प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न पत्रों के फोटो सोशल मीडिया पर लीक होने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की। एसएसपी देहरादून के निर्देशन में गठित एसआईटी ने जांच में पाया कि जनपद टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत सुमन के पास प्रश्न पत्रों के फोटो भेजे गए थे, जिन्हें साबिया, पुत्री शहजाद, निवासी सुल्तानपुर आदमपुर, थाना लक्सर, हरिद्वार द्वारा अपने भाई खालिद मलिक के लिए परीक्षा में शामिल होने के उद्देश्य से भेजा गया था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि सुमन ने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर अन्य व्यक्ति को स्क्रीनशॉट उपलब्ध कराया, जो परीक्षा के उपरांत सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए गए। साबिया की गिरफ्तारी इसी के आधार पर की गई है। प्रकरण में शामिल अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल
देहरादून। बेरोज़गार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूकेएसएसएससी की हाल ही में आयोजित परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और सरकार इस मामले में पूरी सख़्ती बरतेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोज़गार अभ्यर्थियों के हित सर्वाेपरि हैं और उनके हितों को सुरक्षित रखते हुए ही जरूरी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।