पौड़ी में युवक ने आत्महत्या से पहले साझा की वीडियो

DESK THE CITY NEWS
देहरादून। पौड़ी जनपद के 32 वर्षीय युवक जितेंद्र सिंह द्वारा गोली मारकर की गई आत्महत्या ने उत्तराखंड की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है। आत्महत्या से पहले बनाए गए वीडियो में उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री हिमांशु चमोली को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। इस घटना के बाद उत्तराखंड कांग्रेस ने भाजपा सरकार और पुलिस प्रशासन पर सीधा हमला बोला है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मामले को उठाते हुए सवाल किया है कि क्या भाजपा सरकार में इतना साहस है कि वह मृतक युवक के परिवार को न्याय दिला सके? या फिर यह मामला भी सत्ता और दबंगई की भेंट चढ़ जाएगा? माहरा ने आरोप लगाया कि हिमांशु चमोली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी हैं, इसलिए इस प्रकरण में निष्पक्ष कार्रवाई की संभावना पर संदेह गहराता जा रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मामले को उठाते हुए सवाल किया है कि क्या भाजपा सरकार में इतना साहस है कि वह मृतक युवक के परिवार को न्याय दिला सके? या फिर यह मामला भी सत्ता और दबंगई की भेंट चढ़ जाएगा? माहरा ने आरोप लगाया कि हिमांशु चमोली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी हैं, इसलिए इस प्रकरण में निष्पक्ष कार्रवाई की संभावना पर संदेह गहराता जा रहा है।
लोकतंत्र को खोखला करने का लगाया आरोप
करन माहरा ने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड में लोकतंत्र को खोखला करने का ठेका ले रखा है। पंचायत चुनावों के दौरान सत्ता के संरक्षण में भाजपा समर्थक खुलेआम गोलियां चलाते रहे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक शांत प्रदेश है, देवभूमि है, लेकिन भाजपा की गुंडागर्दी और सत्ता के अहंकार ने इसे हिंसा की ओर धकेल दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वायरल वीडियो में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को ‘निपटाने’ की बात कही जा रही थी। इसके अलावा कांग्रेस के विधायक और पूर्व विधायकों पर हमले किए गए। ज़िला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्यों का अपहरण कर उनकी लोकतांत्रिक आवाज़ को कुचलने की कोशिश की गई। ये सभी घटनाएं भाजपा की सत्ता की हनक और गुंडागर्दी का जीता-जागता उदाहरण हैं।
जितेंद्र सिंह की मौत: आत्महत्या या तंत्र की विफलता?
कांग्रेस का कहना है कि जितेंद्र सिंह की मौत सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि भाजपा की दबंग राजनीति और तानाशाही का प्रतीक बन गई है। जब किसी साधारण नागरिक को न्याय नहीं मिलता और पुलिस सत्ता के इशारे पर काम करने लगती है, तब ऐसे हालात पैदा होते हैं। करन माहरा ने सवाल उठाया कि आखिर कब तक इस देवभूमि को गुंडागर्दी, अपहरण और सत्ता के आतंक के हवाले किया जाएगा? उन्होंने कहा कि भाजपा को यह समझना होगा कि लोकतंत्र गुंडागर्दी से नहीं चलता। जनता की आवाज़ दबाकर, निर्दाेषों की बलि लेकर और लोकतंत्र की हत्या करके भाजपा ज्यादा दिन तक सत्ता में नहीं टिक सकती।
भाजपा के लिए बड़ा सियासी संकट?
इस घटना ने भाजपा सरकार के सामने बड़ा सियासी संकट खड़ा कर दिया है। पंचायत चुनावों में हुए बवाल और सत्ता के संरक्षण में हिंसा के आरोप पहले से ही भाजपा पर लगते रहे हैं। अब एक साधारण नागरिक की आत्महत्या और उसमें पार्टी पदाधिकारी का नाम आने से विपक्ष को सरकार को घेरने का नया हथियार मिल गया है। कांग्रेस ने साफ कहा है कि अगर सरकार निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती तो इसे भाजपा की मिलीभगत माना जाएगा। करन माहरा ने चेतावनी दी कि उत्तराखंड उठ चुका है और अब अन्याय के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होगी।
जनता की नजरें सरकार के कदम पर
यह मामला अब सिर्फ एक व्यक्ति की आत्महत्या का नहीं रहा। यह उत्तराखंड की कानून व्यवस्था, राजनीतिक दबाव और सत्ता के चरित्र पर सवाल खड़े कर रहा है। जनता यह देख रही है कि क्या भाजपा सरकार अपने ही युवा मोर्चा के नेता पर कार्रवाई कर पाएगी या फिर यह मामला भी अन्य विवादित मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह राज्यव्यापी आंदोलन का बिगुल फूंक सकती है। वहीं, भाजपा सरकार पर दबाव है कि वह या तो अपने नेता को बचाए या फिर निष्पक्ष कार्रवाई कर राजनीतिक नुकसान झेले। फिलहाल जितेंद्र सिंह की मौत ने देवभूमि की राजनीति को हिला दिया है। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच और सरकार का रुख ही तय करेगा कि क्या उत्तराखंड में लोकतंत्र की रक्षा होगी या फिर सत्ता का आतंक जारी रहेगा।