यूपी एटीएस ने एसएसपी दून से संपर्क कर साझा की थी जानकारी, जांच में खुली परतें
DESK THE CITY NEWS
देहरादून। धर्मांतरण का प्रयास करने के मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले मामले में यूपी एटीएस ने एसएसपी देहरादून से संपर्क कर आगरा में दर्ज धर्मांतरण से संबंधित मुकदमे की जानकारी साझा की थी। इस जानकारी के आधार पर एसपी देहात के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है, साथ ही उत्तराखंड एसटीएफ के सहयोग से संदिग्ध इंस्टाग्राम आइडियों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
जानकारी के अनुसार 17 जुलाई को यूपी एटीएस ने देहरादून एसएसपी अजय सिंह से संपर्क कर सूचनाओं का आदान प्रदान किया था, जिसमें उनकी ओर से देहरादून में एक संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी साझा किया था। जिसमें आगरा में धर्मांतरण रैकेट के संबंध में दर्ज मुकदमे में सहसपुर के शंकरपुर निवासी अब्दुल रहमान को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की बात कही थी, साथ ही मुकदमे से संबंधित अन्य सूचनाओं को साझा किया गया था।
रानीपोखरी की युवती को फंसाया जाल में
इन सूचनाओं के आधार पर एसएसपी अजय सिंह ने एसपी देहात के नेतृत्व में टीम का गठन किया। टीम ने जानकारी के आधार पर सूचनाएं एकत्रित की और कुछ संदिग्ध इंस्टाग्राम आईडी की मॉनिटरिंग भी की, साथ ही एसटीएफ टीम को टेक्निकल सहयोग के लिए शामिल किया गया। उत्तराखंड से संबंधित इंस्टाग्राम आईडी की जानकारी करने पर रानीपोखरी क्षेत्र में एक संदिग्ध युवती की आईडी की जानकारी मिली। इस युवती के अब्दुल रहमान संपर्क में होने की जानकारी मिली, जिस पर पुलिस की टीम ने युवती से पूछताछ की, फिर गिरोह की ओर से धर्मांतरण के लिए अपनाई जा रही तरीके को युवती के परिजनों को बताया गया, जिस पर रानीपोखरी निवासी युवती के पिता ने अहम खुलासे किए।
धर्मांतरण के लिए किया विवश
उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को कुछ समुदाय युवकों और युवती ने धर्मांतरण के लिए विवश किया। इस संबंध में एक तहरीर रानीपोखरी थाने में दी गई, जिसके आधार पर रानीपोखरी थाने में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं, एसएसपी अजय सिंह ने आगरा पुलिस से लगातार संपर्क में रहकर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया। अब तक आरोपियों ने उत्तराखंड में किसी अन्य स्थान पर इस प्रकार का कोई कृत्य किए जाने की जानकारी नहीं मिली। पुलिस जांच में युवती के उत्तर प्रदेश, गोवा और दिल्ली में कुछ संदिग्ध इंस्टाग्राम आईडी से संपर्क में होने की जानकारी मिली है। जिसके आधार पर संबंधित स्थानों पर टीमें रवाना की गई है। साथ ही दून पुलिस ने धर्मांतरण के साथ अवैध फंडिंग से संबंधित पहलुओं की भी जांच कर रही है।
बोले एसएसपी
एसएसपी अजय सिंह और एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर अहम जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि यूपी एटीएस ने 4 जुलाई को धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज किया था। उससे संबंधित जांच उत्तर प्रदेश में चल रही है। उसी से संबंधित यूपी एटीएस ने देहरादून पुलिस से संपर्क किया था। इसमें कुछ इनपुट के आधार पर लोकल वेरिफिकेशन करने पर अब्दुल रहमान नाम सामने आया, जिसने साल 2014 के बाद धर्मांतरण किया था, जिसे यूपी एटीएस गिरफ्तार कर आगरा ले गए हैं। पूछताछ के बाद आगरा पुलिस ने देहरादून पुलिस और एसटीएफ से जानकारी साझा की।
इंस्टाग्राम के माध्यम से किया जा रहा था धर्मांतरण का प्रयास
जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने जिन इंस्टाग्राम के माध्यम से धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा था, उसमें कुछ फेक आईडी को चिन्हित किया। जब आईडी की जानकारी की गई तो उसमें 5 नाम सामने आए. जिसमें 2 यूपी, 2 दिल्ली और 1 गोवा की युवती का नाम सामने आया। उसके बाद जब रानीपोखरी निवासी युवती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि कुछ महीनों से धर्मांतरण करने के लिए अलग-अलग प्रलोभन दिया जा रहा था।
बोले एसटीएफ एसएसपी
यूपी एटीएस की ओर से गिरफ्तार अब्दुल रहमान के संपर्क में जितने लोग थे, उन सबकी डिटेल ली जाएगी। अगर कोई लीड उत्तराखंड में मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 में आया था और इसमें 10 साल की सजा है. वर्तमान में जो मुकदमा दर्ज किया गया है, इसे मिलाकर कुल 53 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जबकि, 53 मुकदमों में 93 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
नवनीत भुल्लर, एसटीएफ एसएसपी, उत्तराखंड