जागरूकता कार्यक्रम में दी अस्थि और सारकोमा कैंसर की जानकारी
DESK THE CITY NEWS
ऋषिकेश। एम्स, ऋषिकेश में अस्थि और सारकोमा कैंसर जनजागरूकता माह के तहत महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य रूप से अस्थि और सारकोमा कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और इन जटिल बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों के समर्थन व आमजन को इन बीमारियों से आगाह करने के उद्देश्य से किया गया।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक सारकोमा एक दुर्लभ और जटिल प्रकार का कैंसर है, जो सॉफ्ट टिशू (मांसपेशियां, रक्त वाहिकाएं, नसें) और हड्डियों (बोन) में उत्पन्न होता है। भारत में, इस कैंसर के निदान में सबसे बड़ी चुनौती जागरूकता की कमी और प्रारंभिक लक्षणों की पहचान न होना है। एम्स ऋषिकेश के कैंसर रोग विशेषज्ञ और सह आचार्य डॉ अमित सहरावत ने इस संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि, ष्सारकोमा और अस्थि कैंसर की पहचान में देरी होने से इलाज की प्रक्रिया भी देरी से शुरू होती है, जिससे रोग की गंभीरता बढ़ जाती है।
उन्होंने बताया कि सारकोमा को दो प्रमुख श्रेणियों में बांटा गया है। सॉफ्ट टिशू सारकोमा और बोन सारकोमा। इनकी पहचान के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिनमें इम्युनोहिस्टोकैमिस्ट्री और आणविक निदान शामिल हैं। सॉफ्ट टिशू सारकोमा के उदाहरणों में लिपोसारकोमा, लियोमायोसारकोमा और एंजियोसारकोमा आते हैं, जबकि बोन सारकोमा में ऑस्टियोसारकोमा और इविंग सारकोमा प्रमुख हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक अंकित तिवारी, कुमुद बडोनी के अलावा सीनियर रेसिडेंट डॉ. साईं प्रसाद, संजीवनी संस्था के अनुराग पाल, आरती राणा, गणेश पेटवाल, दीपिका नेगी, हिमानी धनाई, दानी राम पाण्डेय, विनीता सैनी आदि मौजूद रहे।