उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, नवाचार और भारतीयता का समावेश समय की आवश्यकता: राज्यपाल

राज्यपाल ने उच्च शिक्षा चिंतन शिविर के समापन सत्र को किया संबोधित
 
 
 
 
उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो / बालेश बेनीवाल,
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में आयोजित उच्च शिक्षा विभाग के दो दिवसीय “चिंतन शिविर” के समापन सत्र में प्रतिभाग किया। इस शिविर में देशभर के विभिन्न राज्यों से उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं प्रख्यात शिक्षाविद शामिल हुए।
राज्यपाल ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस चिंतन शिविर ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नीति निर्माण, सुधार और नवाचार के लिए एक सार्थक मंच प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का प्रसार नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, दृष्टिकोण और राष्ट्र निर्माण का सशक्त माध्यम है। राज्यपाल ने कहा कि भारत के पास युवा शक्ति के रूप में अपार क्षमता है, यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। इस युवा शक्ति को सही दिशा देने, उसके कौशल को निखारने और उसकी क्षमता को राष्ट्र निर्माण में लगाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों की है।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापरक शिक्षा, नवाचार और शोध पर विशेष ध्यान देना होगा यह वर्तमान समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें 21वीं सदी को भारत की सदी बनाना है, जिसके लिए विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा के अनुरूप अपने विश्वविद्यालयों को तैयार करना होगा। राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों से “नशा मुक्त कैंपस” की दिशा में ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।
शिक्षामंत्री ने बताया आगामी रोडमैप
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी उच्च शिक्षा में किए जा रहे प्रयासों और आगामी रोडमैप के बारे में बताया। सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने दो दिवसीय चिंतन शिविर में आयोजित हुए सत्रों और परिचर्चा के बारे में जानकारी दी। अपर सचिव श्री मनुज गोयल ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेन्द्र भसीन, डॉ. जयपाल सिंह चौहान सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और उच्च शिक्षा से जुडे़ अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *