द्वितीय सप्तशक्ति संगम में मातृशक्ति ने लिया समाज व राष्ट्र निर्माण का संकल्प

हरिद्वार। रानीपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में रविवार को द्वितीय सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम बड़े ही श्रद्धा और उत्साहपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम मातृशक्ति के संगठन, भारतीय संस्कृति संवर्धन, कुटुंब प्रबोधन और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित था।
कार्यक्रम का संचालन शालिनी सिंघल ने कुशलतापूर्वक किया। सरस्वती वंदना का वाचन कमलेश विल्सन ने किया और एकल गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बनाया। श्रीमती संजू चमोली ने महिलाओं के दायित्व और सप्तशक्ति संगम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। गढ़वाल की वीरांगना तीलू रौतेली पर आधारित प्रेरक नाटक का निर्देशन श्रीमती सरस्वती ने किया, जिसने महिलाओं में वीरता, संघर्ष और नारीशक्ति का संदेश पहुँचाया। मुख्य वक्ता नीता नाग्यान ने कुटुंब प्रबोधन एवं पर्यावरण संरक्षण पर सारगर्भित उद्बोधन दिया और कहा कि संस्कारयुक्त परिवार ही सशक्त समाज की नींव है, तथा नारी परिवार और प्रकृति की संरक्षिका है।

प्रश्नोत्तरी सत्र में उपस्थित मातृशक्ति ने पर्यावरण, शिक्षा, कुटुंब और सामाजिक चुनौतियों पर प्रश्न पूछे, जिनका समाधान प्रदान किया गया। इसके बाद समूह गीत प्रस्तुति में महिलाओं ने भारतीय संस्कृति, मातृभूमि और नारीशक्ति की महिमा अभिव्यक्त की।
विशेष उद्बोधन में सुश्री मंजू बालियान ने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि शिक्षित व जागरूक नारी राष्ट्र की प्रगति की धुरी है। समाज में प्रेरणास्रोत माताओं श्रीमती वीनू और श्रीमती कुसुम को सम्मानित किया गया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में सरिता ने मातृशक्ति की संगठनात्मक क्षमता और सामाजिक योगदान की प्रशंसा की। अंत में सभी उपस्थित मातृशक्तियों ने समाज, संस्कृति और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने का संकल्प लिया।