आईआईटी रुड़की ने की अंतर्राष्ट्रीय जल विज्ञान संघ की 12वीं वैज्ञानिक सभा की मेजबानी

रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की में सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय जल विज्ञान संघ (आईएएचएस) की 12वीं वैज्ञानिक सभा का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में विश्वभर के प्रमुख वैज्ञानिक, शोधकर्ता और नीति निर्माता जल विज्ञान अनुसंधान, सतत जल प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन पर विचार-विमर्श के लिए एकत्रित हुए।
मुख्य अतिथि मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा, जलवायु परिवर्तन से निपटने, आपदा जोखिम को कम करने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में जल विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आईआईटी रुड़की जैसे संस्थान वैश्विक ज्ञान को स्थानीय समाधानों से जोड़ने में अहम योगदान दे रहे हैं। कार्यक्रम में 49 देशों के 627 से अधिक प्रतिभागी और 682 वैज्ञानिक प्रस्तुतियाँ शामिल हैं, जो इसे आईएएचएस के इतिहास की सबसे बड़ी सभाओं में से एक बनाती हैं। इस मौके पर निदेशक प्रो. के.के. पंत, आईएएचएस के अध्यक्ष प्रो. साल्वातोरे ग्रिमाल्डी, आईएनएसए के उपाध्यक्ष डॉ. वी.एम. तिवारी, आईएएचएस एसए 2025 के अध्यक्ष प्रो. सुमित सेन और संयोजक प्रो. अंकित अग्रवाल आदि उपस्थित थे।