हमारे संवाददाता हरेंद्र बिष्ट / दिनांक 06 नवंबर 2024
थराली। तहसील नारायणबगड़ के चिन्हीकरण से अबतक वंचित पड़ें हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी ने उपजिलाधिकारी थराली को भेजें एक ज्ञापन में 9 नवंबर उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस से पूर्व चिन्हीकरण प्रमाण पत्र निर्गत करने की मांग करते हुए 9 नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाएं जाने की चेतावनी दी है।
नारायणबगड़ तहसील प्रशासन के माध्यम से उपजिलाधिकारी थराली को भेजें एक संयुक्त हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन में चिन्हीकरण से वंचित रह गए आंदोलनकारियों ने कहा है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान नारायणबगड़ विकासखंड के कई लोगों ने बढ़-चढ़कर कर हिस्सेदारी निभाई थी। इसके तहत नारायणबगड़ में धरना, प्रदर्शन दिल्ली कूच के दौरान मुजफ्फरनगर में प्रताड़ना झेली थी। आंदोलनकारियों के तमाम साक्ष्यों के साथ 2017 से पूर्व ही उन्होंने चिन्हीकरण के लिए आवेदन कर दिए थे और तब से आजतक आवेदन जिला कार्यालय गोपेश्वर में पड़े हुए हैं।उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई आगे नही की गई हैं। ज्ञापन के माध्यम से 9 नवंबर से पूर्व आवेदन पत्रों के अनुसार आंदोलनकारी का प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने की मांग करते हुए कहा है कि ऐसा नही करनें पर 9 नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाने की चेतावनी दी गई हैं। ज्ञापन की प्रति उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत को भी भेजी गई हैं। इस ज्ञापन में वंचित उत्तराखंड आंदोलनकारी दलवीर सिंह रावत,राम चंद्र भट्ट, सुरेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह,प्रदीप सिंह, महावीर सिंह, धर्म सिंह,महेश चंद्र सहित अन्य आंदोलनकारियों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।
इधर केंद्रीय समिति के अध्यक्ष रावत ने बताया कि समिति शासन से चिन्हीकरण से वंचित रह गए आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण किए जाने, आंदोलनकारियों को राज्य सैनानियों का दर्जा दिए जाने, आंदोलनकारियों की पेंशन में सम्मानजनक वृद्धि किए जाने की मांग के संबंध में लगातार वार्ता कर रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री आंदोलनकारियों के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं।