उत्तरी हरिद्वार के कमलदास कुटिया का मामला है कोर्ट में विचाराधीन
हरिद्वार। अब इसे भू माफिया की दबंगई ही कहेंगे जो एचआरडीए की ओर से दो बार दुकानों को सील करने के बाद भी पुनः दुकानें को खोलकर व्यापार कर रहे हैं। जी हां उत्तरी हरिद्वार के पावन धाम के पास स्थित बेसकिमती कमलदास कुटिया की संपत्ति पर भू-माफिया की नजर थी, लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण एचआरडीए ने दुकानों को सील कर दिया था।
बता दें कि पावन धाम के पास बेसकिमती संपत्ति कमलदास कुटिया पर वर्षों से मंदिर और गौशाला स्थापित हैं। इसी भूमि पर पुलिस बैरक भी बनाई है, लेकिन इसकी भूमि पर कथित रूप से कुछ भू-माफियाओं ने कर्मचारियों की मिलीभगत से कब्जा किया हुआ है। आरोप है कि उन्होंने संपत्ति का एक हिस्सा तोड़कर उस पर दुकानों का निर्माण करके उन्हें बेचने का प्रयास किया। जिस पर कमलदास कुटिया के एक सेवक ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को भेजी थी, जिसके बाद प्रकरण ने तूल पकड़ लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से मामले का संज्ञान लेते हुए हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया, जिसके बाद एचआरडीए की टीम ने मौके पर पहुंचकर अवैध रूप से निर्मित दुकानों को सील कर दिया। कुछ दिन दुकानें सील रहने के बाद भू-माफिया ने रातों-रात सील को तोड़कर पुनः दुकानें खोलकर उनका निर्माण शुरू कर दिया। इसके बाद फिर शिकायत होने पर एचआरडीए ने दुकानें सील की। हालांकि, इसके बाद भी भू-माफिया बाज नहीं आए और उन्होंने सील से छेड़छाड़ कर निर्माण कार्य को जारी रखने की कोशिश की। सील तोड़ने के मामलें में हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण ने गंभीरता से लिया और मौके पर मौजूद भू-माफिया को टीम ने सख्त फटकार लगाई। एक बार फिर मामले का संज्ञान लेेते हुए प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि यदि दोबारा सील से छेड़खानी की गई, तो कानूनी कार्यवाही के साथ-साथ पुलिस में भी रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी, लेकिन अभी भी भू-माफिया सील तोड़कर दुकानों का संचालन यथावत कर रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि प्राधिकरण की ओर से भू-माफिया पर इस बार क्या कार्रवाई की जाएगी।