निजी, सार्वजनिक एवं सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण कर बनाई गई अवैध मजहबी संरचनाओं को हटाने के लिए हिंदु संगठनों ने भरी हुंकार

हरिद्वार। विश्व हिन्दू परिषद ने संपूर्ण उत्तराखण्ड के समस्त जिला केंद्रों पर एकत्र आकर निजी, सार्वजनिक एवं सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण कर बनाई गई अवैध मजहबी संरचनाओं को हटाने के उत्तराखण्ड सरकार के अभियान को समर्थन करते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को जिलाधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया।
विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हरिद्वार के कार्यकर्ताओं ने नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए नगर मजिस्ट्रेट, हरिद्वार किरण चौहान को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन को सौंपा। प्रेषित ज्ञापन में विश्व हिन्दू परिषद ने कहा कि देवभूमि के नाम से देश दुनिया में विख्यात उत्तराखंड एक सीमावर्ती राज्य है। उत्तराखण्ड राज्य में पिछले कुछ सालों से सार्वजनिक, सरकारी एवं संवेदनशील स्थानों पर अवैध मजारें बनाने और फिर उन्हें वक्फ बोर्ड में पंजीकृत कराने का सुनियोजित षडयंत्र हो रहा है। ऐतिहासिक, धार्मिक मठ और मंदिरों की भूमि देवभूमि उत्तराखंड में सिर्फ मठ-मंदिर ही नहीं हैं वरन यहां पांच हजार से अधिक की संख्या में मजार, मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान भी संचालित हो रहे हैं। विगत कुछ वर्षों में देवभूमि उत्तराखण्ड में तेजी के साथ मस्जिद, मदरसे, मजारों का जाल फैला है और इनके माध्यम से बाहरी मुसलमानों की घुसपैठ भी राज्य में बढ़ी है। सन 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार तब उत्तराखंड राज्य में मुस्लिम आबादी 14 प्रतिशत के आसपास थी, जो वर्तमान समय में देहरादून, उद्यमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल आदि जिलों में बढ़कर 30 प्रतिशत से भी ऊपर जा चुकी है। जिसे देवभूमि उत्तराखण्ड की डेमोग्राफी के लिए एक बड़े चैलेंज के रूप में देखा जाना चाहिए।
उत्तराखण्ड के तराई और भाबर क्षेत्र के जंगलों में पिछले 15-20 वर्षों में अवैध मजारों की संख्या तेजी से बढ़ी हैं। उत्तराखण्ड राज्य के वन क्षेत्रों में लगभग 400 मजहबी संरचनाओं का विषय संज्ञान में आया है। जिम कार्बेट पार्क एवं राजाजी टाइगर रिजर्व में लगभग 40 मजारें अस्तित्व में होने की रिपोर्ट सामने आई हैं। रानीखेत आर्मी स्कूल के पीछे भी अवैध मजार है। इन संवेदनशील स्थानों पर अक्सर सेना के युद्धाभ्यास और जवानों का प्रशिक्षण भी होता है। अनेक मजारे कैंट एरिया के जंगल में भी दिखाई पड़ रही हैं, जहां बाहरी लोगों के आने-जाने में कोई भी रोकटोक नहीं है। कोटद्वार आर्मी एरिया के साथ देहरादून के कैंट एरिया परिसर में भी मजार है। कालसी क्षेत्र के आर्मी एरिया के पास कब्रिस्तान बना दिए जाने के समाचार सामने आए हैं। रक्षा संपदा विभाग की भूमि पर भी अवैध मजारें चिन्हित हुई हैं। वन विभाग, छावनी परिषद और पुलिस प्रशासन के द्वारा की गयी सर्च रिपोर्टों में इन सबका खुलासा हुआ है। ऐसा प्रतीत होता हैं कि इस्लामिक जेहाद के पैटर्न में उत्तराखंड राज्य में मदरसे, मजार, मस्जिदों का बेरोकटोक निर्माण हो रहा है।
वीरभूमि, देवभूमि उत्तराखण्ड में लैंड जिहाद का ज्वलंत उदाहरण मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसे, मजारों का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक एवं सांस्कृतिक के स्वरूप बिगड़ने नहीं देगी। उत्तराखण्ड वीरों, पराक्रमियों, साधु-संतों, मठ-मंदिरों, ऋषि-मुनियों की भूमि है, हम इसे मजारों का प्रदेश नहीं बनने देंगे। देवभूमि उत्तराखण्ड की डेमोग्राफी को बदलने का यह एक सुनियोजित षडयंत्र है। विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड राज्य में मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसे और मजारों के माध्यम से स्कूलों, वनों, सरकारी संपत्तियों को कब्जाने और रास्तों को बाधित करने का विरोध करती हैं। निजी, सार्वजनिक एवं सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण कर बनाई गई इन अवैध मजहबी संरचनाओं को हटाने के सरकार के अभियान का पुरजोर समर्थन करती हैं। उत्तराखण्ड सरकार को बिना किसी दबाव के इस दिशा में कार्य करते रहना चाहिए चाहिए।
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष बलराम कपूर, जिला संयोजक बजरंग दल अमित मुल्तानिया, प्रांत बलोंपासना प्रमुख सौरभ चौहान, नवीन तेश्वर, जिला सहमंत्री दीपक तालियान, अंकित यादव, हिमांशु सैनी, गोपाल भारद्वाज, साजन बजरंगी, केशव गायकवाड आदि कार्यकर्ता प्रमुख रुप से उपस्थित रहे।

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