“केलवा के पात पर उगेलिन सुरज देव”, छठी मैया के जयकारों से गूंजे गंगा घाट

चार दिवसीय छठ महापर्व का हुआ समापन, जमकर की आतिशबाजी
उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो / शिप्रा अग्रवाल,
हरिद्वार। आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही संपन्न हो गया। हरकी पैड़ी समेत शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर गेहूं, चावल और फल-सुपारी से सजाए गए दऊरा (बांस की टोकरी) लिए घाटों की ओर जाती दिखीं। “छठी मईया” के जयघोष और लोकगीतों की गूंज ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक और भक्तिमय बना दिया।
चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से हुई थी, इसके बाद खरना, संध्या अर्घ्य और फिर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने अपना कठिन व्रत पूरा किया। सोमवार शाम हरकी पैड़ी, सिंहद्वार घाट, कुशावर्त घाट और गौरीकुंड क्षेत्र में संध्या अर्घ्य के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी ने अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। घाटों पर दीपदान से जगमगाहट फैल गई और वातावरण श्रद्धा की आलोकमय भावना से भर गया।
मंगलवार सुबह व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान महिलाएं पारंपरिक छठ गीत गाती रहीं “ऊग हे सूरज देव भइली अरघ के बेरिया, ऐसे गीतों की मधुर स्वर लहरियों ने पूरे गंगा तट को भक्ति से सराबोर कर दिया।
 
सुरक्षा व्यवस्था रही पुख्ता, युवक को बचाया
छठ पर्व को लेकर जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था भी की गई थी। घाटों पर पुलिस बल, जल पुलिस और एनडीआरएफ की तैनाती रही। इस दौरान हरकी पौड़ी के पास गंगा में डूब रहे एक युवक को जल पुलिस ने बचाया। नगर निगम की ओर से सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल टीमें और एंबुलेंस की व्यवस्था भी की।

मुख्य सचिव ने सपरिवार दिया अर्घ्य
प्रदेशभर में लोक आस्था का पर्व छठ पूजा उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने भी सपरिवार प्रेमनगर स्थित टोंस नदी के घाट पर पहले अस्ताचलगामी और फिर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। इस अवसर पर उन्होंने सूर्यदेव एवं छठ माता से प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की है।

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