जैव विविधता संरक्षण, स्वदेशी ज्ञान और ग्रामीण आजीविका के समन्वय पर दिया बल

जैव विविधता संरक्षण, स्वदेशी ज्ञान और ग्रामीण आजीविका के समन्वय पर दिया बल


रुद्रप्रयाग। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के सतत पारिस्थितिकी और जैव विविधता अनुसंधान केंद्र द्वारा घिमतोली में आर्किड परागण संरक्षण विषय पर दो दिवसीय सामुदायिक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जैव विज्ञान विभाग का सहयोग रहा और इसे आईसीएसएसआर तथा जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा प्रायोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एस.पी. सुबुद्धि ने किया। वक्ताओं ने जैव विविधता संरक्षण, स्वदेशी ज्ञान और ग्रामीण आजीविका के समन्वय पर बल दिया। यह आयोजन सतत पर्वतीय विकास की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हुआ।

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