पेयजल योजनाओं का किया निरीक्षण कर दिया समयबद्ध कार्ययोजना और जागरूकता बढ़ाने पर जोर

पेयजल योजनाओं का किया निरीक्षण कर दिया समयबद्ध कार्ययोजना और जागरूकता बढ़ाने पर जोर

 

 

DESK THE CITY NEWS 

देहरादून/रुद्रपुर। सचिव पेयजल, उत्तराखण्ड शासन, शैलेश बगौली ने ऊधम सिंह नगर जिले के भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत विकास खंड रुद्रपुर और गदरपुर की विभिन्न पेयजल योजनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने योजनाओं की गुणवत्ता, क्रियाशील नल कनेक्शनों की स्थिति और पेयजल आपूर्ति की प्रभावशीलता का गहन आकलन किया।

 

दानपुर एकल ग्राम पेयजल योजना

सचिव शैलेश बगौली ने दानपुर एकल ग्राम पेयजल योजना में 300 एमएम व्यास, 210 मीटर गहराई, 500 एलपीएम क्षमता के नलकूप तथा 100 केएल, 17 मीटर स्टेजिंग वाले ऊर्ध्व जलाशय के कार्यों की गुणवत्ता परखी, जो उत्तम पाई गई। योजना के अंतर्गत 314 परिवारों को एफएचटीसी कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। मौके पर 5 घरों का चयन कर जल आपूर्ति समय, दबाव और पानी की गुणवत्ता की जानकारी ली गई, जो संतोषजनक रही।

 

रायपुर एकल ग्राम पेयजल योजना

रायपुर एकल ग्राम पेयजल योजना में 300 एमएम व्यास, 200 मीटर गहराई, 700 एलपीएम क्षमता के नलकूप और 150 केएल, 20 मीटर स्टेजिंग वाले ऊर्ध्व जलाशय की गुणवत्ता का निरीक्षण किया गया। इस योजना के तहत 532 परिवारों को एफएचटीसी कनेक्शन दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान रायपुर गांव के कुछ ग्रामवासियों ने पाइपलाइन लीकेज की शिकायत की। इस पर अधिशासी अभियंता को तत्काल निरीक्षण कर लीकेज रोकने और एक सप्ताह में अनुपालन आख्या मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए गए।

 

सरोवरनगर बहुल ग्राम पेयजल योजना

सरोवरनगर बहुल ग्राम पेयजल योजना में 300 एमएम व्यास, 193 मीटर गहराई, 500 एलपीएम क्षमता के नलकूप और 100 केएल, 17 मीटर स्टेजिंग वाले ऊर्ध्व जलाशय की गुणवत्ता भी उच्च स्तर की पाई गई। योजना के तहत 521 परिवारों को एफएचटीसी कनेक्शन दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि सरोवरनगर गांव के 25 परिवारों ने नल कनेक्शन लेने से इंकार कर दिया था। सचिव ने निर्देश दिया कि इन परिवारों को कनेक्शन उपलब्ध कराने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं और एक माह के भीतर कार्य पूरा किया जाए।

 

एफएसटीपी का निरीक्षण

सचिव ने रुद्रपुर शहर में निर्मित 25 केएलडी क्षमता वाले एफएसटीपी का भी निरीक्षण किया। यहां प्रतिदिन 10-12 स्लज टैंकरों का प्रभावी उपचार किया जा रहा है, जिसकी गुणवत्ता संतोषजनक पाई गई। उन्होंने निर्देशित किया कि शहर की जनसंख्या और सेप्टिक टैंकों की औसत खाली करने की आवृत्ति के आधार पर प्रतिदिन अनुमानित फीकल स्लज की गणना की जाए और इसकी तुलना एफएसटीपी पर पहुंच रही वास्तविक मात्रा से की जाए। यदि दोनों में अंतर पाया जाए, तो उसे दूर करने के लिए व्यावहारिक कार्ययोजना बनाई जाए। इस अवसर पर अभियंता बिशन कुमार, तरुण शर्मा, सुशील बिष्ट, ललित पांडे, चेतन चौहान, अजय श्रीवास्तव सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उपस्थित रहे।

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