रामायण में किया हुआ और श्रीमद् भागवत में कहा हुआ मानव जीवन के लिए प्रासंगिक: डॉ. चंडी प्रसाद
DESK THE CITY NEWS
ऋषिकेश। रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने जो भी चरित्र किए उनका अनुकरण तथा श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने जो कुछ कहा उसका अनुसरण करना सफल मानव जीवन के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। यह कहना है सहायक निदेशक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल का। वह सोमवार को तुलसी मानस मंदिर में तुलसी जयंती समारोह के सातवें दिवस उपस्थित संत समाज, आचार्यों, बुद्धिजीवियों एवं बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे।
सहायक निदेशक ने कहा कि भगवान श्री राम का चरित्र हमें अच्छा पुत्र, पति, भाई, समाज सेवक,राजनेता बनने की प्रेरणा देता है, तो दूसरी तरफ श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण का उद्बोधन युगों तक मानव जाति को धर्म और कर्म के समीकरण में समन्वय स्थापित करने की शिक्षा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लोकप्रिय सरकार ने सभी विद्यालयों में श्रीमद् भागवत गीता के श्लोकों को अनिवार्य करके सनातन धर्म को बचाए रखने की बहुत बड़ी इच्छा शक्ति का परिचय दिया है, आवश्यकता है सभी लोगों को मिलजुल कर धर्म की सही परिभाषा को समझते हुए मानव कल्याण के सरकार के संकल्प के साथ कदम बढ़ाना।
इस मौके पर रामायण प्रचार समिति ऋषिकेश के अध्यक्ष महंत रवि प्रपन्नाचार्य, पीठाधीश्वर गोपालाचार्य महाराज, नेपाली संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश पूरवाल, शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ जनार्दन कैरवान, पंडित वेद प्रकाश मिश्रा, दयाधर दीक्षित आदि उपस्थित थे।