ग्रामोत्थान का मिला हाथ, दिव्यांग पूजा ने पाया आत्मनिर्भरता का साथ

कॉस्मेटिक दुकान से बदली दिव्यांग पूजा की तकदीर

हरिद्वार। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व एवं निर्देशन में जनपद की महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ग्रामोत्थान (रीप) द्वारा बेहतर ढंग से कार्य करते हुए महिलाओं को प्रोत्साहित कर उनका उचित मार्गदर्शन कर रहा है जिससे कि वे स्वरोजगार का कार्य करते हुए आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहे है जिसका उदाहरण जिले के बहादराबाद विकासखंड के अतमलपुर बौंगला गाँव की निवासी पूजा देवी, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल बन गई हैं।
यह कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत दृढ़ता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे सही समर्थन से शारीरिक चुनौतियों का सामना करते हुए भी आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त की जा सकती है। पहले, पूजा देवी एक सूक्ष्म स्तर पर कॉस्मेटिक की दुकान चलाती थीं। उनकी यह दुकान ही परिवार की आय का एकमात्र स्रोत थी। रीप टीम के दौरे के दौरान यह देखा गया कि पूजा, जो स्वयं दिव्यांग हैं, आर्थिक रूप से संघर्ष कर रही थीं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की टीम ने उनकी स्थिति का आंकलन किया और उन्हें अपनी कॉस्मेटिक दुकान को बड़े स्तर पर विस्तारित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
पूजा देवी, जो 15 मार्च 2021 को गठित ’’मीरा एसएचजी’’ स्वयं सहायता समूह की एक सक्रिय सदस्य हैं, ’’अस्था’’ ग्राम संगठन और ’’श्रद्धा सीएलएफ’’ से भी जुड़ी हुई हैं। उन्होंने परियोजना से अल्ट्रा पुअर गतिविधि के तहत 35,000 का ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अपनी स्वयं की बचत से 15,000 का योगदान दिया। कुल 50,000 के निवेश से उन्होंने अपनी कॉस्मेटिक दुकान को एक बड़े स्वरूप में बदल दिया।
इस सहयोग से पूजा देवी अब अपनी दुकान से प्रतिमाह 10,000 से 12,000 की आय प्राप्त कर रही हैं। पहले, उनकी आय काफी कम थी, लेकिन अब यह वृद्धि उनके और उनके परिवार के लिए एक बड़ा बदलाव लाई है।

बेहतर ढंग से कर पा रहीं हैं परिवार का पालन-पोषण

पूजा का कहना है कि इस उद्यम के माध्यम से वह अपने परिवार का पालन-पोषण बेहतर ढंग से कर पा रही हैं। उनकी यह सफलता, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के उद्देश्य को दर्शाती है, जो ग्रामीण लोगों को सशक्त बनाने और उनकी आजीविका में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूजा की कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, यह साबित करती है कि साहस और सही समर्थन से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।

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