सुमन दिवस मनाएं जाने को लेकर जिलाधिकारी ने तैयार की रूपरेखा

DESK THE CITY NEWS
उत्तरकाशी। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने सोमवार को सुमन दिवस (श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि,25 जूलाई 2025) के आयोजन को लेकर कलेक्ट्रेट में बैठक आयोजित कर रूपरेखा तैयार की।
जिलाधिकारी ने कहा कि सुमन दिवस के अवसर पर प्रस्तावित कार्यक्रमों में पंडित श्रीदेव सुमन की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित करने तथा उनके जीवन, संघर्ष और सिद्धांतों पर केंद्रित विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। बैठक में एडीएम मुक्ता मिश्र, मुख्य शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल, डीपीआरओ के.सी बहुगुणा, पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूडा, सुमन समिति के अध्यक्ष नागेंद्र दत्त थपलियाल व समिति के अनेक सदस्य उपस्थित रहे तथा अनेक अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।
जिलाधिकारी ने कहा कि सुमन दिवस के अवसर पर प्रस्तावित कार्यक्रमों में पंडित श्रीदेव सुमन की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित करने तथा उनके जीवन, संघर्ष और सिद्धांतों पर केंद्रित विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। बैठक में एडीएम मुक्ता मिश्र, मुख्य शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल, डीपीआरओ के.सी बहुगुणा, पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूडा, सुमन समिति के अध्यक्ष नागेंद्र दत्त थपलियाल व समिति के अनेक सदस्य उपस्थित रहे तथा अनेक अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।
जिलाधिकारी ने दिए एनीमिया उन्मूलन को लेकर निर्देश
उत्तरकाशी। एनीमिया के उन्मूलन को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक की। बैठक में जिले में एनीमिया की मौजूदा स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट ली और इसके निवारण हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, बच्चों, किशोरियों और धात्री माताओं में एनीमिया को दूर करने के लिये सार्थक प्रयास किए जाने के निर्देश दिये।
सीमांत गांवों के समग्र विकास के दिए निर्देश
उत्तरकाशी। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने सोमवार को वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चयनित सीमांत क्षेत्र के गांवों में आजीविका संवर्द्धन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए दीर्घकालीन महत्व की परियोजनाओं के क्रियान्वय को लेकर समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सीमांत गांवों के समग्र विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए तथा बिजली, पानी, स्वास्थ्य तथा शिक्षा संबंधित मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जाए ताकि पलायन को रोक जा सके और स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा मिले।