दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने साल 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे कथित साजिश से जुड़े एक मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी.
दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने सोमवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को बड़ा झटका दिया है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील इमाम की साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. शरजील इमाम सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य धाराओं के तहत आरोप तय हो चुका है.
न्यायधीश अमिताभ रावत ने शरजील इमाम की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को सच मानने के लिए उचित आधार हैं. वहीं इमाम के वकील ने अदालत में कहा कि आरोपी ने कभी किसी हिंसा की वकालत नहीं की और आरोपितों के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और काल्पनिक हैं.
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भड़काऊ भाषण से हुई थी हिंसा
जेएनयू के पूर्व छात्र पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) पर विशेष रूप से दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया है. इस दौरान जामिया विश्वविद्यालय के बाहर हिंसा हुई थी. साल 2020 अप्रैल में शरजील इमाम पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया था. दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके भाषण से लोगों ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दंगे किए थे.
दिल्ली की अदालत ने पिछले हफ्ते दिल्ली दंगों के बड़े साजिश मामले में सह आरोपियों में से खालिद सैफी द्वारा दायर जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया था. बता दें कि फरवरी 2020 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के समर्थकों और इसके प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा नियंत्रण से बाहर हो जाने के बाद पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.