एमसीडी से व्यापक अनुमानों और मजबूत परियोजना निगरानी उपायों के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ दिल्ली एमसीडी की बैठक हुई. इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कई निर्देश दिए.
दिल्ली के डंपिंग ग्राउंड का अब जल्द ही सुधार हो सकता है. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को एमसीडी के साथ बैठक की. इस बैठक में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने एमसीडी से स्रोत पर कचरे को अलग करने के प्रयास तेज करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को आकर्षित करने का आग्रह किया. इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि यह भी निर्णय लिया जाए कि एमसीडी और डीडीए संयुक्त रूप से भूमि संबंधी सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे और उनका समाधान करेंगे.
वहीं मंत्रालय द्वारा दिल्ली में तीन डंपिंग ग्राउंड ओखला, गाजीपुर और भलस्वा के सुधार में हुई प्रगति पर चर्चा करने के लिए भी हाई लेवल बैठक आयोजित की गई थी. मंत्रालय सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी, शहरी विकास सचिव, डीडीए उपाध्यक्ष, एमसीडी आयुक्त, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.https://imasdk.googleapis.com/js/core/bridge3.509.0_en.html#goog_1067096818
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इस बैठक में तीनों एमसीडी ने बताया कि वे मिलकर से प्रति दिन 11,000 टन ठोस कचरा उत्पन्न करते हैं, जिनमें से लगभग 5,900 टन को वैज्ञानिक रूप से नरेला, बवाना, ओखला और गाजीपुर साइटों पर ऊर्जा संयंत्रों में संसाधित किया जाता है. बैठक में पता चला कि दिल्ली के तीनों डंपिंग ग्राउंड पर लगभग 42 लाख मीट्रिक टन कचरे का अब तक रेमेडिट किया जा चुका है. हालांकि बाकी ताजा कचरा जो इन साइटों पर है उसे अभी तक रेमेडिट नहीं किया गया है. दिल्ली डंपिंग ग्राउंड में कई बार आग लग चुकी है इसके लिए यह तैयारी की जा रही है, जिससे कचरे का जल्द से जल्द निपटारा हो सके.