आपदा प्रबंधन में डेटा, विभागीय समन्वय और जन सहभागिता महत्वपूर्ण: राज्यपाल

राज्यपाल ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की
DESK THE CITY NEWS
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को आईटी पार्क, देहरादून स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्रमण किया और अधिकारियों से मानसून के दृष्टिगत तैयारियों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने वर्षा की वर्तमान स्थिति, नदियों के जलस्तर, मार्गों की स्थिति और आगामी दिनों के मौसम पूर्वानुमान के साथ ही केंद्र की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर मानसून की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारियों द्वारा किए जा रहे सतर्क प्रयासों, अन्तर्विभागीय समन्वय और विभागीय एकीकरण की सराहना की।
राज्यपाल ने कहा कि आपदा प्रबंधन में तीन मुख्य पहलुओं, डेटा आधारित निर्णय प्रणाली, विभागों के बीच समन्वय और सामुदायिक सहभागिता को केंद्र में रखकर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन तैयारियों को केवल तात्कालिक आवश्यकता तक सीमित न रखते हुए इसे दीर्घकालिक रणनीति के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के स्वरूप में परिवर्तन और आपदाओं की तीव्रता बढ़ रही है, ऐसे में राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों पर आधारित आपदा प्रबंधन की दिशा में ठोस प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन द्वारा प्रदेश स्तर पर मानसून की तैयारियों को लेकर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। सभी जिलाधिकारियों ने वर्चुअल रूप से जुड़कर अपने-अपने जनपदों में मानसून की तैयारियों के संबंध में राज्यपाल को जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, डॉ. शांतनु सरकार, एसके बिरला, डॉ. बिमलेश जोशी आदि उपस्थित रहे।

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